गाड़ियों में ज्वलनशील/विस्फोटक पदार्थ लेकर यात्रा करने वालों के विरुद्ध सघन जाँच अभियान चला रही भारतीय रेल
गोरखपुर ब्यूरो, 17 नवम्बर, 2023: भारतीय रेल द्वारा त्यौहारों के अवसर पर नियमित गाड़ियों के अतिरिक्त पूजा विशेष गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे कि उनकी यात्रा सुखमय हो। यात्रा को सुखद एवं सुरक्षित बनाने के लिए यात्रियों से रेल प्रशासन की अपील है कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ जैसे कि गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल एवं केरोसिन, स्टोव, माचिस, सिगरेट लाइटर और पटाखों सहित किसी भी विस्फोटक पदार्थ को लेकर यात्रा न करें।
उल्लेखनीय है कि रेल अधिनियम 1989 की धारा-67, 164 एवं 165 के अन्तर्गत रेल यात्रा के दौरान ज्वलनशील एवं विस्फोटक सामग्री ले जाना एक दण्डनीय अपराध है। ऐसा करते हुए पाए जाने पर ₹1000/- का जुर्माना या तीन साल तक की कैद अथवा दोनों दंड हो सकते हैं।
गाड़ियों में आग की दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु यात्रियों को जागरूक करने के लिए भारतीय रेल पर यात्रियों के बीच 37000 पैम्फलेट वितरित किए गए तथा 12.5 हजार स्टीकर/पोस्टर रेल परिसर एवं गाड़ियों में प्रदर्शित किए गए। रेल परिसर में 638 लोकेशनों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से यात्रियों को ज्वलनशील/विस्फोटक पदार्थ लेकर न चलने की सीख दी गई।
14362 स्टेशनों पर जन-उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से यात्रियों को निरन्तर जागरूक किया जा रहा है। सामाजिक शिक्षा के तहत समाचार-पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से गाड़ियों में विस्फोटक व ज्वलनशील पदार्थ न लेकर चलने की सूचना प्रकाशित कराई गई। 1320 वीडियो, टीवी चैनलों/आरडीएन पर चलाई गई। सोशल मीडिया पर इस आशय के 928 बैनर प्रदर्शित किए गए।
जन-जागरूकता के तहत 3837 पार्सल पोर्टरों, 4694 पार्सल कर्मचारियों, 9386 पेंट्रीकार कर्मचारियों, 5120 स्टेशनों पर कार्यरत खान-पान कर्मचारियों एवं 5094 कुलियों के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक किया गया। 2145 लीज होल्डर्स एवं उनके कर्मचारियों, 4510 ओबीएचएस कर्मचारियों, 4977 आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों तथा 80,000 यात्रियों को गाड़ियों में ज्वलनशील/विस्फोटक पदार्थ न लेकर चलने हेतु जागरूक किया गया।
गाड़ियों में ज्वलनशील एवं विस्फोटक वस्तुयें लेकर यात्रा के खिलाफ सघन जांच अभियान चलाया गया। इसके तहत गाड़ियों में 37,311 एवं स्टेशनों पर 22,110 तथा वाशिंग पिट पर 7656 जांचे की गईं। इन जांचों के फलस्वरूप गाड़ियों में पटाखे/गैस सिलेण्डर लेकर चलने के 155 मामले पकड़े गए। गाड़ियों में बीड़ी, सिगरेट लेकर चलने के 3284 मामले सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद एक्ट के तहत पकड़े गए।