उत्तर मध्य रेलवे द्वारा यात्री शिकायतों की लाइव निगरानी और समाधान के लिए बनाए गए हर डिवीजन में वॉर रूम
उत्तर मध्य रेलवे ने प्रथम प्रतिक्रिया समय (एफआरटी) को बनाए रखा है मात्र 12 मिनट
प्रयागराज ब्यूरो: यात्री संतुष्टि में सुधार के दृष्टिगत, उत्तर मध्य रेलवे ने प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक प्रभात रंजन के नेतृत्व में बहुत ही कम समय सीमा में यात्री शिकायतों का समाधान करने के लिए एक अनूठी पहल की है। इसके लिए #रेलमदद पोर्टल पर प्राप्त होने वाली यात्री शिकायतों के निपटारे के लिए प्रत्येक मंडल में वॉर रूम बनाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने अपनी डिजिटल पहल के तहत शिकायत प्रबंधन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाते हुए यात्रियों की शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुधारने एवं तेज करने के लिए ‘रेल मदद’ नाम से एक एप जारी किया था। यह एप यात्रियों की शिकायतों को दर्ज करता है और उनकी शिकायतों के निवारण की स्थिति के बारे में उन्हें लगातार जानकारी मुहैया कराता है। यात्री को पंजीकरण के बाद एसएमएस के जरिये शिकायत संख्या तुरंत उपलब्ध करायी जाती है जिसके बाद रेलवे द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी एसएमएस द्वारा दी जाती है।
मंडल कार्यालयों में बनाए गए इन वॉर रूमों में आमतौर पर मुख्य रूप से #सुरक्षा, #समयपालन, #पानी, #चिकित्सा-सहायता, #बिजली संबंधी, #सफाई, #पार्सल, #टिकटिंग, #यात्री-सुविधाएं और अन्य विविध मुद्दों से संबंधित यात्री शिकायतें प्राप्त होती हैं। ये सभी शिकायतें एक या एक से अधिक विभाग से संबंधित होती हैं और इन वॉर रूम में #आरपीएफ, #इंजीनियरिंग, #इलेक्ट्रिकल, #कमर्शियल, #मैकेनिकल, #ऑपरेटिंग सहित सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधि एक ही स्थान पर हैं। इससे शिकायतों का निपटान आसान हो जाता है और अंतर-विभागीय समन्वय भी बेहतर हो जाता है।
सभी संबंधित पक्षों को एक छत के नीचे लाने की अपनी तरह की इस अनूठी पहल के परिणामस्वरूप शिकायतों का तेजी से समाधान हुआ है और ग्राहकों को वास्तविक समय के आधार पर समाधान प्रदान किया जा रहा है।
एक जोन के रूप में उत्तर मध्य रेलवे इन वॉर रूम की स्थापना से पहले जून 2023 में शिकायत निवारण में 15वें स्थान पर था और मात्र 4 महीनों में अक्टूबर 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। हर गुजरते महीने के साथ, इसके और बेहतर होने की उम्मीद है। अब, न केवल रेल-मदद के माध्यम से प्राप्त लगभग 100% शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जा रहा है, बल्कि पिछले महीने अक्टूबर 2023 के दौरान पहली प्रतिक्रिया समय (#एफआरटी) 12 मिनट से भी कम था जो जून, 2023 में 58 मिनट था। एफआरटी आपात स्थिति के दौरान विशेष तौर पर चिकित्सा और सुरक्षा सहायता वांछित होने की स्थिति में दक्षता का एक संकेतक है। भारतीय रेल के औसत 48 मिनट के मुकाबले शिकायतों का लंबित मामलों का औसत समय 21 मिनट रहा और जबकि निपटान का औसत समय भारतीय रेल के औसत 2.30 घंटे के मुकाबले मात्र 33 मिनट रहा, और यह जून 2023 के उत्तर मध्य रेलवे के 1.37 घंटे के औसत समय की तुलना में एक सराहनीय सुधार है।
पिछले महीने अक्टूबर 2023 में कुल 15241 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 99.94% शिकायतों का निस्तारण किया गया। इसके संबंध में रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार समग्र रेटिंग संतोषजनक रही।
उत्तर मध्य रेलवे में, ये शिकायतें रेल यात्री हेल्पलाइन 139, रेलमदद वेबसाइट, सोशल मीडिया मंचों, रेलमदद ऐप और अन्य माध्यमों जैसे 139 पर एसएमएस, ई-मेल, सीपीजीआरएएमएस आदि के माध्यम से प्राप्त होती हैं।
मंडल नियंत्रण कक्षों में कार्यरत इन वॉर रूमों की शीर्ष स्तर पर निगरानी की जा रही है और स्वयं #पीसीसीएम सहित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इनका औचक निरीक्षण सहित व्यक्तिगत रूप से दौरा किया जाता है।
हाल ही में दिवाली के दिन 12 नवंबर को ट्रेन नंबर 12310 राजेंद्रनगर-तेजस राजधानी में ए-2 कोच में यात्रा कर रहे अपूर्व सिंह ने मदद के लिए अनुरोध किया और प्रयागराज डिवीजन वॉर रूम में रेल मदद टीम हरकत में आई और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर वांछित मदद प्रदान की गई। अपूर्व सिंह ने त्वरित कार्रवाई के लिए टीम को धन्यवाद दिया।
एक अन्य यात्री सौरभ गाड़ी संख्या 11107 से यात्रा कर रहे थे, उन्होंने अपनी बर्थ पर बेड रोल की अनुपलब्धता के बारे में शिकायत दर्ज कराई, उनकी शिकायत का समाधान झाँसी मंडल रेल मदद वॉर रूम के सक्रिय हस्तक्षेप से 10 मिनट में हो गया।
शीर्ष प्रबंधन सहित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने उत्तर मध्य रेलवे द्वारा स्थापित किए गए इन वॉक-रूम्स के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रभात रंजन के नेतृत्व में शिकायतों से निपटने वाली टीम की भी सराहना की।