भारतीय रेल ने दी पिछले एक वर्ष में 1.50 लाख नौकरियाँ, नौ वर्ष में हुई रिकॉर्ड भर्ती
नई दिल्ली: भारतीय रेल सर्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा नियोक्ता है। इसमे भिन्न-भिन्न पदों एवं श्रेणियों में विभिन्न माधयमों एवं भर्ती संस्थाओं जैसे रेलवे भर्ती बोर्ड, रेल भर्ती परिषद, संघ लोक सेवा आयोग आदि के माध्यम से भर्ती की जाती है। ज्ञात हो कि, इन भर्ती संस्थाओं के माध्यम से पिछले 9 वर्षों अर्थात वर्ष 2014 से 2023 तक में भारतीय रेल में रिकॉर्ड भर्ती की गई है और भारतीय रेल के विभिन्न विभागों मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, सिग्नल एवं दूरसंचार आदि में विभिन्न कैटेगरी जैसे सहायक लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, जूनियर इंजीनियर, तकनीशियन, वाणिज्यिक क्लर्क, ट्रैक मेंटेनर, पॉइंट्समैन आदि पर लगभग 5 लाख नियुक्तियाँ की गई हैं जबकि उसके पूर्व वर्ष 2004 से 2014 के मध्य 10 वर्षों में 4 लाख 11 हजार नियुक्तियाँ की गई थीं।
औसतन प्रति वर्ष 50,000 नियुक्तियों से अधिक की गईं। यदि इसमें से कोविड काल को हटा दिया जाए, जिस दौरान किसी भी प्रकार की नियुक्ति प्रक्रिया संभव नही थी, तो यह लगभग 62,000 प्रति वर्ष हो जाता है। इन नवनियुक्त कर्मियों को क्रमिक रूप से समय-समय पर आयोजित हो रहे रोजगार मेलों के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा ज्वाइनिंग लेटर भी दिए जा रहे हैं।
इस क्रम में यह बताना प्रासंगिक होगा कि दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के मध्य भारतीय रेल में भर्ती के लिए विश्व का सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा को ऑनलाईन रूप से सफलतापूर्वक करवाया गया। इसके तहत नॉन टेक्निकल पॉपुलर केटेगरी के 1.26 अभ्यर्थियों के लिए 133 शिफ्ट में 211 शहरों में 726 सेंटर बनाकर 15 भाषाओं में परीक्षा कराई गई। साथ ही रेल भर्ती परिषद के माध्यम से पूर्ववर्ती ग्रुप डी के पदों के लिए 1.11 करोड़ अभ्यर्थियों के लिए 99 शिफ्ट में 191 शहरों में 551 सेंटर बनाकर 15 भाषाओं में परीक्षा कराई गई। ये चयन प्रक्रियाएं पूर्णत: पारदर्शी और बेदाग तरीके से पूरी की गई हैं।
इसके अतिरिक्त भारतीय रेल द्वारा आधारभूत संरचना के निर्माण और विकास के माध्यम से बहुत बड़ी संख्या में रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। पिछले 9 वर्षों के इस क्षेत्र में बहुत तेजी से निवेश किया गया है। यदि रेल की आधारभूत संरंचना के कार्यों में से एक नए ट्रैक बिछाने के कार्यों से रोजगार सृजन का आंकलन करें तो औसतन 1 किमी ट्रैक के निर्माण से सालाना लगभग 33,000 मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होता है, अर्थात प्रतिदिन 90.41. मानव दिवस रोजगार सृजित होता है और भारतीय रेल में पिछले एक साल में 5,600 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण हुआ। अत: प्रतिदिन कुल 5,06,301 (5 लाख से अधिक) मानव दिवस रोजगार सृजित हुआ है।
इसके अलावा भारतीय रेल ओएचई, सिग्नलिंग, उत्पादन इकाईयों और पब्लिक सेक्टर यूनिट आदि में भी बड़े पैमाने पर बुनियादी ढ़ांचे के कार्यों पर काम कर रहा है। इस रोजगार सृजन में स्टेशन पुनर्विकास कार्य भी शामिल हैं। इससे एक वर्ष में लगभग 10 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं।
ज्ञात हो कि, रेलवे में बुनियादी ढ़ांचे के काम के लिए अर्थव्यवस्था पर औसतन 3.5 गुना प्रभाव पड़ता है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में 10 लाख x 3.5 = 35 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होती हैं। ज्ञात हो कि, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बुनियादी ढ़ांचे के विकास के लिए अब तक का सर्वाधिक 2.6 लाख करोड़ का पूंजी आवंटन किया गया है। सितंबर 2023 तक व्यय ₹150444 करोड़ है जो कि बजट ग्रांट का 58% है, पिछले वर्ष सितंबर 2022 तक यह ₹102881 करोड़ था जो बजट ग्रांट का 43% था। अर्थात पिछले वर्ष की तुलना में 46% की वृद्धि हुई है। इससे भी भारतीय रेल में रोजगार सृजन में मदद मिली है।