December 16, 2022

पेंशनरों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण किया जाए -अनिल कुमार मिश्रा, एजीएम/पूर्वोत्तर रेलवे

पूर्वोत्तर रेलवे: पेंशन अदालत में प्राप्त 30 आवेदनों में से 23 आवेदनों का हुआ तत्काल निस्तारण

अपर महाप्रबंधक/पूर्वोत्तर रेलवे अनिल कुमार मिश्रा ने प्रदान किया 6 पेंशनरों को पीपीओ

गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में 15 दिसंबर, 2022 को रेलवे अधिकारी क्लब, गोरखपुर में पेंशन अदालत-2022 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य कार्मिक अधिकारी/आईआर अवधेश कुमार, वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी/वित्त एवं सामान्य रोहित राज गुप्ता, लेखा, कार्मिक एवं यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर के अधिकारी एवं पर्यवेक्षक, सेवानिवृत्त रेलकर्मी एवं उनके आश्रित पेंशनर तथा अन्य रेलकर्मी उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि अपर महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे अनिल कुमार मिश्रा ने 6 पेंशनरों को पीपीओ प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पेंशनरों की शिकायत के निस्तारण हेतु इस पेंशन अदालत का आयोजन किया गया है। इस पेंशन अदालत में मुख्यालय स्तर पर 30 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 23 का निस्तारण कर दिया गया। पांच आवेदन निस्तारण की प्रक्रिया में हैं तथा दो आवेदन कुछ दस्तावेजों की कमी के कारण लम्बित हैं।

फोटो परिचय: पेंशनरों को पीपीओ प्रदान करते हुए अपर महाप्रबंधक/पूर्वोत्तर रेलवे अनिल कुमार मिश्रा।

इसके अतिरिक्त यांत्रिक कारखाना स्तर पर आठ आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें चार निस्तारित कर दिए गए। तीन निस्तारण की प्रक्रिया में हैं तथा एक आवेदन आवेदक द्वारा पूरी सूचना न दिए जाने के कारण लम्बित है। निस्तारित किए गए आवेदनों पर ₹48 लाख से अधिक धनराशि का भुगतान पेंशन अदालत में किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में आवेदक संतुष्ट नहीं हैं, वे अपनी बात अदालत में सामने रख सकते हैं।

अपर महाप्रबंधक श्री मिश्रा ने कहा कि पेंशनरों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण किया जाए, उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेखा एवं कार्मिक विभाग के कर्मियों ने अथक प्रयास करके पेंशन अदालत के पहले ही बहुत से मामलों का निपटारा कर दिया है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि किसी कार्य के लिए पेंशनरों को उपस्थित होने पर उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया जाना और उनका कार्य शीघ्र कर दिया जाना चाहिए। श्री मिश्रा ने पेंशनरों को शुभकामनाएं देते हुए उनके अच्छे स्वास्थ की कामना की।

मुख्य कार्मिक अधिकारी/आईआर अवधेश कुमार ने कहा कि पेंशन अदालत का आयोजन एक औपचारिक प्रक्रिया है। पेंशन अदालत के अलावा भी यदि कोई आवेदन प्राप्त होते हैं तो उनका शीघ्र निस्तारण किया जाता है। कुछ आवेदन पत्रों की जांच करने एवं दस्तावेजों को सत्यापित करने में कुछ अतिरिक्त समय लग जाता है, परंतु उनका भी शीघ्र निस्तारित करने का प्रयास जारी है।

उन्होंने कहा कि पेंशन अदालत लगने के पहले ही मामला निस्तारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे पेंशन अदालत की आवश्यकता ही न पड़े। जो भी उचित समस्या हो उसे तत्काल ही दूर कर दिया जाना चाहिए। हमारा प्रयास है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कोई समस्या न हो। सभी की समस्या का समाधान न्यूनतम समय में कर दिया जाए, यह हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि कोई भी पेंशनर अपनी किसी भी समस्या के लिए किसी भी समय मेरे पास आ सकता है। उनके लिए समय की कोई बाध्यता नहीं है। उनकी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कर दिया जाएगा।

वित्त सलाहाकार एवं मुख्य लेखाधिकारी/वित्त एवं सामान्य रोहित राज गुप्ता ने कहा कि लेखा एवं कार्मिक विभाग केे कर्मी पेंशरों के मामलों का शीघ्र निस्तारण करने का प्रयास करते हैं। पेंशनरों को जो भी समस्या हो उनके निस्तारण में लेखा विभाग सदैव तत्पर रहेगा।

मुख्य कार्मिक अधिकारी/आईआर अवधेश कुमार एवं वित्त सलाहाकार एवं मुख्य लेखाधिकारी/वित्त एवं सामान्य रोहित राज गुप्ता द्वारा उच्चस्तर पर पेंशन अदालत में आए मामलों का निस्तारण किया गया। प्रत्येक पेंशनरों को उनके आवेदन पर किए गए समाधान से उन्हें अवगत कराया गया।

पेंशन अदालत का संचालन करते हुए उप मुख्य कार्मिक अधिकारी/मुख्यालय वी.के. द्विवेदी ने कहा कि लेखा एवं कार्मिक विभाग केे संयुक्त प्रयास से पेंशन अदालत में आए आवेदनों का निस्तारण किया जा सका है। कुछ मामले ऐसे हैं जिन पर कार्यवाही हो चुकी है तथा कुछ मामले ऐसे हैं जो तकनीकी कारणों से रुके हुए हैं, उनका भी शीघ्र निस्तारण कर दिया जाएगा।

पेंशन अदालत में उपस्थित पूर्वोत्तर रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री के. एल. गुप्ता, पेंशनर एसोसिएशन के महामंत्री अर्जुन कुमार कोहली तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चू लाल ने पेंशनरों को होने वाली समस्याओं से अदालत को अवगत कराया तथा उनके शीघ्र निस्तारण के लिए सुझाव दिया। धन्यवाद ज्ञापन उप मुख्य कार्मिक अधिकारी राना प्रताप चन्द ने किया।