पुरानी पेंशन के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं हम! -शिवगोपाल मिश्रा
पुरानी पेंशन कोई चैरिटी नहीं है, यह रेलकर्मियों और मजदूरों के लिए सोशल सिक्योरिटी है, इसे वापस लेने के लिए फेडरेशन किसी भी हद तक जाने को तैयार है!
ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन का 98वां वार्षिक अधिवेशन पुरी में सम्पन्न
नई दिल्ली: ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) का दो दिवसीय 98वां वार्षिक अधिवेशन 29 एवं 30 नवंबर 2022 को पुरी में आयोजित किया गया, जिसमें पूरी भारतीय रेल से 40 हजार से अधिक की संख्या में एआईआरएफ से संबद्ध यूनियन सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं ने सामिल होकर अधिवेशन को सफल बनाया। इस अधिवेशन को एआईआरएफ की संबद्ध यूनियन ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन की मेजबानी में आयोजित किया गया था।
29 नवंबर को सर्वप्रथम एआईआरएफ की राष्ट्रीय महिला कार्य समिति की बैठक का आयोजन पुरी में आयोजित किया गया जिसमें एआईआरएफ की संबद्ध यूनियनों की हजारों की संख्या में महिला कार्य समिति सदस्यों ने भाग लिया। इसकी अध्यक्षता एआईआरएफ की महिला चेयरपर्सन श्रीमती जया अग्रवाल और महिला संयोजिका श्रीमती प्रवीना सिंह ने किया।
राश्ट्रीय महिला कार्यसमिति की बैठक को एआईआरएफ की महिला चेयरपर्सन जया अग्रवाल, एआईआरएफ की राश्ट्रीय महिला संयोजिका श्रीमती प्रवीना सिंह के अलावा एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा, एआईआरएफ के अध्यक्ष डा. एन कन्हैया एवं कार्यकारी अध्यक्ष जे आर भोसले, कोषाध्यक्ष शकराराव , जोनल सेक्रेटरी चम्पा वर्मा सहित सभी जोनल रेलों के महामंत्रियो ने संबोधित किया। ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन के महामंत्री पी के पटसनी ने इतनी बड़ी संख्या में आई महिलाओं का स्वागत किया। जोनल चेयरपर्सन इतिश्री ने अपने जोन की रिपोर्ट के साथ सभी गेस्ट को अंगवस्त्र भेंट किया। अध्यक्ष एम एस एस वी राव ने सभी के प्रति आभार जताया।
तत्पश्चात एआईआरएफ की कार्य समिति की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भावी रणनीतियों की चर्चा और कार्यवाहियों के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। तदुपरांत अधिवेशन के खुले सत्र का आयोजन पुरी रेलवे स्टेशन के सामने भारी संख्या में सभी जोनों के कार्यकर्ताओं की रैलियों के साथ प्रारम्भ किया गया जिसमें भारी संख्या में रेलकर्मचारियों ने जोश-खरोश के साथ भाग लिया।
एआईआरएफ के 98वें राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन के खुले सत्र को संबोधित करते हुए एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन कोई चैरिटी नहीं है, यह रेल कर्मचारियों और मजदूरों के लिए सोशल सिक्योरिटी है, इसे वापस लेने के लिए फेडरेशन किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उन्होंने बड़ी संख्या में उपस्थित युवा रेलकर्मियों को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन पर विस्तृत चर्चा की।
महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली आज फेडरेशन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। नई पेंशन योजना के विरोध में हम केंद्रीय कर्मचारियों, राज्यकर्मियों, शिक्षकों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए फेडरेशन के केंद्रीय नेतृत्व ने स्थानीय स्तर पर बातचीत शुरू कर दी है। इसके लिए एआईआरएफ बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो रेलमंत्री ने कई बार मुलाकात के दौरान कहा कि जो काम रेल कर्मचारी कुशलतापूर्वक कर रहे है, उन्हें कभी आउटसोर्स नहीं किया जाएगा, हमें रेलमंत्री पर भरोसा है, लेकिन सरकार की नीति और नीयत पर नही! उन्होंने कहा कि सरकार चोर दरवाजे से टुकड़ों में निजीकरण की साजिश कर रही है। एआईआरएफ को ये भी कतई मंजूर नहीं है, रेल का निजीकरण किसी के हक में नही है, न इससे रेल का भला होगा, न रेलकर्मियों का कोई भला होने वाला है।
महामंत्री ने तमाम रेल कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना काल में बंद किए गए हमारे महंगाई भत्ते का एरियर मरा नही है, इस सिलसिले में भी बात हो रही है। एरियर को छीनने का प्रयास हुआ तो भी संघर्ष निश्चित है।
एआईआरएफ के अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने रेलकर्मियों को याद दिलाया कि आज हम जो भी सुविधाएं ले रहे हैं, वे आसानी से हासिल नहीं हुई हैं, इसके लिए न केवल लंबा संघर्ष करना पड़ा है, बल्कि आंदोलन के दौरान तमाम रेलकर्मियों को सीने पर गोली भी खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को खुले मन से रेल कर्मचारियों की हर मांग पर न सिर्फ बात करनी चाहिए, बल्कि उसे पूरा भी किया जाना चाहिए, क्योकि आज कर्मचारी न सिर्फ अपने हक को लेकर जागरुक है, बल्कि वह इसे पाने के लिए हर कीमत चुकाने को भी तैयार है।
इस अवसर पर ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक रूप नारायण सुनकर ने अपनी कुछ पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि उन्होंने कई रेल मंडलों में काम किया है, रेल कर्मचारियों और यूनियन का उन्हें हमेशा भरपूर सहयोग मिला। खुले सत्र को सीईओ अलका अरोड़ा मिश्रा, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी पी के मंडल, डीआरएम रिंकेश राय समेत कुछ अन्य लोगों ने भी संबोधित किया।
इस ओपेन सेशन में मुख्य रूप से एआईआरएफ के वर्किंग प्रेसिडेंट जे आर भोसले, कोषाध्यक्ष शंकरराव, राजा श्रीधर, जोनल महामंत्री के एल गुप्ता, ए एम डिक्रूज, मुकेश माथुर, मुकेश गालव, वेणु पी नायर, एस एन पी श्रीवास्तव, आर डी यादव, डॉ आशीष विश्वास, अमित घोष, एस के त्यागी, मनोज बेहरा, एल एन पाठक, जया अग्रवाल, प्रवीना सिंह, चंपा वर्मा मौजूद रहीं। ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन के महामंत्री पी के पाटसनी ने सभी गेस्ट और देश भर से आए रेल कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन अध्यक्ष एन वी एस एस राव ने किया।
अगले दिन 30 नवंबर 2022 को एआईआरएफ का प्रतिनिधि सत्र का आयोजन टाउन हाल में आयोजित किया गया जिसमें एआईआरएफ के सभी जोनों के प्रतिनिधियों ने हजारों की संख्या में भाग लिया। प्रतिनिधि सत्र को एआईआरएफ के अध्यक्ष डा. एन कन्हैेया, महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के अलावा सभी जोनों के महामंत्रियों ने संबोधित किया।
प्रतिनिधि सत्र में महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने साफ किया कि अगर सरकार जल्द ही पुरानी पेंशन योजना को बहाली नहीं करती और रेल कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण करते हुए उनकी मांगों को नहीं मानती, तो संसंद के अगले सत्र के दौरान एक व्यापक प्रदर्शन संसंद पर राष्ट्रीय आंदोलन आयोजित किया जाएगा।
अधिवेशन में मुख्य रूप से 7 प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किए गए जिनमें प्रमुख रूप से महंगाई भत्ते / महंगाई राहत के बकाया का भुगतान, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, राष्ट्रीय मुद्रीकरण नीति करना, रेलवे में ट्रेड यूनियनों की मान्यता हेतु गुप्त मतदान कराना, रेल कर्मचारियों की लम्बित मांगे, रेलवे के सभी कर्मचारियों को रात्रि भत्ता देना, एवं भारतीय रेलवे में महिला कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने से संबंधित हैं।