रेलवे का नीतिगत भ्रष्टाचार हुआ उजागर

रेलवे बोर्ड ने दि. 27.07.2022 को सिग्नलिंग आइटम्स की खरीद के लिए नई पालिसी गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें उक्त आइटम्स, खासकर डिजिटल एक्सेल काउंटर की खरीद को स्टोर्स से हटाकर वर्क्स (ईपीसी) कांट्रेक्ट में डाला गया है।

उत्तर मध्य रेलवे के एसएंडटी अधिकारियों को जैसे रेलवे बोर्ड की उक्त पालिसी के जारी होने की ही प्रतीक्षा थी। पालिसी आने के मात्र दो दिन से भी कम समय में उन्होंने डिजिटल एक्सेल काउंटर की खरीद का लगभग ₹35 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया। तात्पर्य यह कि उन्होंने कांट्रेक्टर्स कार्टेल के साथ मिलकर इसकी संपूर्ण तैयारी पहले से ही करके रखी थी।

इस पालिसी के अंतर्निहितार्थ सहित उत्तर मध्य रेलवे द्वारा जारी किए गए टेंडर के पीछे एसएंडटी अधिकारियों की मंशा को #Railwhispers द्वारा शुक्रवार, 29 जुलाई 2022 को पूरे विस्तार के साथ उजागर (एक्सपोज) किया गया था। देखें लिंक-

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Read: Indian Railway: Contractors making Raining Profits by twisting the Policy in a cartelized manner!

उपरोक्त शीर्षक खबर के प्रकाशित होने के 24 घंटे से भी कम समय में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा आज शनिवार, 30 जुलाई 2022 को सुबह ही कुछ तकनीकी कारण (टेक्निकल रीजन) बताते हुए उक्त टेंडर को रद्द (कैसिल) कर दिया गया।

इससे जाहिर होता है कि रेलवे में नीतिगत अर्थात पालिसी मेकिंग के स्तर पर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार होता है। इसमें कुछ कांट्रेक्टर्स के साथ कार्टेल बनाने में संबंधित अधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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