पूरे देश से मुंबई की रेल कनेक्टिविटी मुंबई की क्षमता को, बतौर सपनों का शहर, मुंबई की पहचान को सशक्त बनाएगी -प्रधानमंत्री
ठाणे और दिवा के बीच नई रेल लाइन के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 18 फरवरी 2022 को मध्य रेलवे पर ठाणे-दिवा के बीच बिछाई गई दो नई रेल लाइनों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने सहयोगी रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल राज्यमंत्री रावसाहब दानवे, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस, सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए कहा-
कल शनिवार, 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है। सबसे पहले मैं भारत के गौरव, भारत की पहचान और संस्कृति के रक्षक देश के महान महानायक के चरणों में आदरपूर्वक प्रणाम करता हूँ। शिवाजी महाराज की जयंती के एक दिन पहले ठाणे-दिवा के बीच नई बनी पांचवीं और छठी रेल लाइन के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री ने हर मुंबईकर को बहुत-बहुत बधाई दी।
उन्होंने कहा, यह नई रेल लाइनें, मुंबईवासियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएंगी, उनकी ‘ईज ऑफ लिविंग’ बढ़ाएगी। यह नई रेल लाइनें, मुंबई की कभी न थमने वाली जिंदगी को और अधिक रफ्तार देंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दोनों लाइनों के शुरू होने से मुंबई के लोगों को सीधे-सीधे चार फायदे होंगे।
पहला: अब लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइनें हो जाएंगी।
दूसरा: दूसरे राज्यों से मुंबई आने-जाने वाली ट्रेनों को अब लोकल ट्रेनों की पासिंग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
तीसरा: कल्याण से कुर्ला सेक्शन में मेल/एक्सप्रेस गाड़ियां अब बिना किसी अवरोध के चलाई जा सकेंगी।
चौथा: हर रविवार को होने वाले ब्लॉक के कारण कलावा और मुंब्रा के साथियों की परेशानी भी अब दूर हो गई है।
प्रधानमंत्री अपने वक्तव्य की पर्याप्त तैयारी करके बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से सेंट्रल रेलवे लाइन पर 36 नई लोकल चलने जा रही हैं। इनमें से भी अधिकतर एसी ट्रेनें हैं। यह लोकल की सुविधा को विस्तार देने, लोकल को आधुनिक बनाने के केंद्र सरकार के कमिटमेंट का हिस्सा है। बीते सात साल में मुंबई में मेट्रो का भी विस्तार किया गया है। मुंबई से सटे सबर्बन सेंटर्स में मेट्रो नेटवर्क को तेजी से फैलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दशकों से मुंबई की सेवा कर रही लोकल का विस्तार करने, इसको आधुनिक बनाने की मांग बहुत पुरानी थी। 2008 में इस पांचवीं और छठी लाइन का शिलान्यास हुआ था। इसको 2015 में पूरा होना था, लेकिन दुर्भाग्य है कि 2014 तक ये प्रोजेक्ट अलग-अलग कारणों से लटकता रहा। इसके बाद हमने इस पर तेजी से काम करना शुरु किया, समस्याओं को सुलझाया।
उन्होंने कहा कि, मुझे बताया गया है कि 34 स्थान तो ऐसे थे, जहां नई रेल लाइन को पुरानी रेल लाइन से जोड़ा जाना था। अनेक चुनौतियां के बावजूद हमारे श्रमिकों ने, हमारे इंजीनियर्स ने, इस प्रोजेक्ट को पूरा किया। दर्जनों पुल बनाए, फ्लाईओवर बनाए, सुरंग तैयार की। राष्ट्रनिर्माण के लिए ऐसे कमिटमेंट को मैं हृदय से नमन भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मुंबई महानगर ने स्वतंत्र भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। अब प्रयास है कि “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुना बढ़े। इसलिए मुंबई में 21वीं सदी के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर हमारा विशेष फोकस है। रेलवे कनेक्टिविटी की ही बात करें तो यहां हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। मुंबई सबर्बन रेल प्रणाली को आधुनिक और श्रेष्ठ टेक्नॉलॉजी से लैस किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि अभी जो मुंबई सबर्बन की क्षमता है उसमें करीब-करीब 400 किमी की अतिरिक्त वृद्धि की जाए। सीबीटीसी जैसी आधुनिक सिग्नल व्यवस्था के साथ-साथ 19 स्टेशनों के आधुनिकीकरण की भी योजना है।
उन्होंने कहा, मुंबई के भीतर ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे राज्यों से मुंबई की रेल कनेक्टिविटी में भी स्पीड की जरूरत है, आधुनिकता की जरूरत है। इसलिए अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल आज मुंबई की, देश की आवश्यकता है। यह मुंबई की क्षमता को, सपनों के शहर के रूप में मुंबई की पहचान को सशक्त करेगी। यह प्रोजेक्ट तेज गति से पूरा हो, हम सभी की यह प्राथमिकता है। इसी प्रकार वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी मुंबई को नई ताकत देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि जितने लोग भारतीय रेल में एक दिन में सफर करते हैं, उतनी तो कई देशों की जनसंख्या भी नहीं है। भारतीय रेल को सुरक्षित, सुविधायुक्त और आधुनिक बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हमारी इस प्रतिबद्धता को कोरोना वैश्विक महामारी भी डिगा नहीं पाई है। बीते 2 सालों में रेलवे ने फ्रेट ट्रांसपोर्टेशन में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। इसके साथ ही 8 हजार किमी रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन भी किया गया है। करीब साढ़े चार हजार किमी नई लाइन बनाने या उसके दोहरीकरण का काम भी हुआ है। कोरोना काल में ही हमने किसान रेल के माध्यम से देश के किसानों को देशभर के बाजारों से जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी यह भी जानते हैं कि रेलवे में सुधार हमारे देश के लॉजिस्टिक सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसीलिए बीते 7 सालों में केंद्र सरकार रेलवे में हर प्रकार के रिफॉर्म्स को प्रोत्साहित कर रही है। अतीत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सालों-साल तक इसलिए चलते थे, क्योंकि प्लानिंग से लेकर एग्जीक्यूशन तक, तालमेल की कमी थी। इस अप्रोच से 21वीं सदी भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए हमने “पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान” बनाया है। इसमें केंद्र सरकार के हर विभाग, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय और प्राइवेट सेक्टर सभी को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रयास है। कोशिश यह है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी, हर स्टेक होल्डर के पास पहले से हो। तभी सभी अपने-अपने हिस्से का काम, उसका प्लान सही तरीके से कर सकेंगे। मुंबई और देश के अन्य रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए भी हम गतिशक्ति की भावना से ही काम करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि बरसों से हमारे यहां एक सोच हावी रही कि जो साधन-संसाधन गरीब इस्तेमाल करता है, मिडिल क्लास इस्तेमाल करता है, उस पर निवेश नहीं करो। इस वजह से भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की चमक हमेशा फीकी ही रही। लेकिन अब भारत उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आज गांधीनगर और भोपाल के आधुनिक स्टेशन रेलवे की पहचान बन रहे हैं। आज 6 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन वाई-फाई सुविधा से जुड़ चुके हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें देश की रेल को गति और आधुनिक सुविधा दे रही है। आने वाले वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें, देशवासियों को सेवा देना शुरू करेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक और पुरानी अप्रोच जो हमारी सरकार ने बदली है, वह है रेलवे के अपने सामर्थ्य पर भरोसा। 7-8 साल पहले तक देश की जो रेलकोच फैक्ट्रियां थीं, उनको लेकर बहुत उदासीनता थी। इन फैक्ट्रियों की जो स्थिति थी उनको देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ये फैक्ट्रियां इतनी आधुनिक ट्रेनें बना सकती हैं। लेकिन आज वंदे भारत ट्रेनें और स्वदेशी विस्टाडोम कोच इन्हीं फैक्ट्रियों में बन रहे हैं। आज हम अपने सिग्नलिंग सिस्टम को स्वदेशी समाधान से आधुनिक बनाने पर भी निरंतर काम कर रहे हैं। स्वदेशी समाधान चाहिए, हमें विदेशी निर्भरता से मुक्ति चाहिए।
अपने संबोधन को पूर्ण विराम देते हुए अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सुविधाएं विकसित करने के इन प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ, मुंबई और आसपास के शहरों को होने वाला है। गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को इन नई सुविधाओं से आसानी भी होगी और आय अर्जित करने के नए साधन भी मिलेंगे। मुंबई के निरंतर विकास के कमिटमेंट के साथ एक बार फिर उन्होंने सभी मुंबईकरों को बहुत-बहुत बधाई देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
प्रधानमंत्री द्वारा दोनों नवनिर्मित रेल लाइनों को राष्ट्र को समर्पित करने और एसी लोकल को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेयरमैन सीईओ रेलवे बोर्ड विनय कुमार त्रिपाठी, महाप्रबंधक मध्य रेलवे अनिल कुमार लाहोटी, मंडल रेल प्रबंधक, मुंबई मंडल शलभ गोयल के साथ लोकल ट्रेन के सेकेंड क्लास कोच में यात्रा करके ठाणे-दिवा के बीच बिछाई गई नई लाइनों का निरीक्षण किया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य की मुक्तकंठ से सराहना भी की।