पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय पर राजभाषा सप्ताह-2021 का आयोजन: हर दिन होगा एक नया विषय
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, गोरखपुर में 13 से 20 सितंबर, 2021 तक राजभाषा सप्ताह-2021 का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला के अंतर्गत समारोह के प्रथम दिन 13 सितंबर,2021 को सिगनल एवं दूरसंचार प्रशिक्षण विद्यालय, गोरखपुर में उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप महाप्रबंधक/सामान्य कृष्ण चन्द्र सिंह की अध्यक्षता में “विज्ञान एवं खेलकूद: राजभाषा का प्रयोग” विषय पर हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
“विज्ञान एवं खेलकूद: राजभाषा का प्रयोग” विषय पर आयोजित हिन्दी कार्यशाला में उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप महाप्रबंधक/सामान्य श्री सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सभी उपस्थितों को 14 सितंबर, हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 14 सितंबर,1949 को संघ सरकार की राजभाषा के रूप में हिन्दी को अंगीकार किया गया, तभी से इस दिवस की स्मृति में प्रति वर्ष भारत सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, निगमों और बैंकों में राजभाषा सप्ताह/पखवाड़ा मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भाषा किसी भी देश की संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान, विज्ञान एवं शिक्षा की सशक्त माध्यम होती है। तकनीकी क्षेत्रों की भाषा आज भी अंग्रेजी ही बनी हुई है। चाहे इंजीनियरिंग का क्षेत्र हो, चिकित्सा का क्षेत्र हो, वैज्ञानिक उन्नति अथवा खेलकूद का क्षेत्र हो। समय के साथ इन क्षेत्रों में राजभाषा हिन्दी का प्रारम्भ हो चुका है। हमारे विद्वान, मनीषी विचारक इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि विधि के क्षेत्र में पटना हाईकोर्ट तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निर्णय हिन्दी में दिए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग एवं चिकित्सा के क्षेत्रों में भी हिन्दी का प्रयोग बढ़ रहा है। खेलकूद का क्षेत्र भी इससे अछूता नही है। श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेलकूद से न केवल देस का गौरव बढ़ता है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं का भी आपसी मेलजोल होता है। इससे हमारी सामाजिक संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है तथा सामाजिक सौहार्द मजबूत होता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए आज की यह कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है।
समारोह के विशिष्ट वक्ता दीनदयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय वर्मा ने विज्ञान एवं खेलकूद के साथ हिन्दी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी की किताबें पढ़ने वाले कम हो रहे हैं इसलिए हिन्दी की किताबें एवं प्रकाशन बन्द होते जा रहे हैं। हिन्दी हमारी मातृभाषा है। हिन्दी में लिखी हुई किताबें सर्वसामान्य को ज्यादा समझ में आती हैं, इस पर हमें गौर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट का लाभ तो बहुत है, परंतु इसका सदुपयोग कम हो रहा है। अन्य बहुत से देशों में तकनीकी विषय में जब भी कुछ नया आता है तो ऐसी सामग्री को वहां की अपनी स्थानीय भाषा में प्रचारित किया जाता है, परंतु भारत में ऐसा नही है। अपनी मातृभाषा में जो विषय अच्छी तरह से समझ में आ जाते हैं वह अन्य भाषाओं में नहीं आते हैं। प्रोफेसर वर्मा ने पॉलीथिन के उपयोग के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में अजय ऋषि, प्रधानाचार्य/विद्युत प्रशिक्षण केन्द्र एवं सुधीर श्रीवास्तव, प्राचार्य/बहुविषयक प्रशिक्षण केन्द्र उपस्थित थे। कार्यशाला में मुख्यालय के साथ-साथ सिगनल एवं दूरसंचार प्रशिक्षण विद्यालय के प्रशिक्षणार्थियों एवं कार्मिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन तथा स्वागत संबोधन ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, राजभाषा अधिकारी ने किया। विशिष्ट अतिथि वी.पी.सिंह, उप निदेषक/बहु विषयक प्रशिक्षण केन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि इस कार्यशाला से राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को एक नई दिशा मिली है।
आज राजभाषा सप्ताह के दूसरे दिन 14 सितंबर, 2021 को पूर्वाह्न 11.30 बजे से मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य इंजीनियर सतीश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में अधिकारी क्लब, गोरखपुर में “सामाजिक सौन्दर्य का चितेरा – गोस्वामी तुलसीदास” विषय पर साहित्यिक संगोष्ठी एवं पुरस्कार वितरण किया जा रहा है।