July 13, 2020

रेलवे बोर्ड ने हल कर लिया आईआरएमएस का मुद्दा

Indian Railways' Head Qs, Rail Bhavan, New Delhi

सिविल सेवा अधिकारियों के हर बैच को मिलेगी दो-दो साल की वरिष्ठता

सुरेश त्रिपाठी

रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) की एकीकृत नई रेलसेवा शुरू करने का मामला लगभग हल कर लिया है। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने दी है। सूत्रों का कहना है कि इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (आईआरटीएस) कैडर, जो आईआरएमएस का सबसे ज्यादा मुखर विरोध कर रहा था, के अब तक के सभी बैंचों को दो-दो साल की वरिष्ठता (सीनियरिटी) दी जाएगी। इस निर्णय से ट्रैफिक कैडर लगभग संतुष्ट है।

तथापि सूत्रों का कहना है कि सिविल सर्विस के बाकी दो कैडर, इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (आईआरपीएस) और इंडियन रेलवे एकाउंट्स सर्विस (आईआरएएस), जो ट्रैफिक सर्विस के साथ ही आईआरएमएस के मुखर विरोध में समान रूप से शामिल थे, को भी समान रूप से दो-दो साल की वरिष्ठता देने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आईआरएमएस स्थापित करने की इसी योजना के तहत जनवरी में खाली हुई मेंबर रोलिंग स्टॉक (एमआरएस) और जून में खाली हुई मेंबर इंजीनियरिंग (एमई) की दोनों पोस्टें नहीं भरी गई हैं। जबकि इनसे पहले खाली हुई मेंबर स्टाफ की पोस्ट को खत्म करके डीजी/पर्सनल को अपेक्स ग्रेड दे दिया गया था। जबकि एफसी/रेलवेज की पोस्ट भी फिलहाल खाली रखी गई है। एएम/फाइनेंस का मामले में रेलवे बोर्ड द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को फिलहाल एसीसी से मंजूरी मिलने का इंतजार है।

इस योजना के तहत अब आने वाले समय में मेंबर ट्रैक्शन (एमटीआर) की पोस्ट भी संभवतः स्क्रैप होगी और एमटीआर एवं एमआरएस की दोनों पोस्टों को मिलाकर एक नई पोस्ट “मेंबर रोलिंग स्टॉक एंड ट्रैक्शन” बनेगी। इसी तरह मेंबर इंजीनियरिंग के बजाय मेंबर इंफ्रास्ट्रक्चर और मेंबर ट्रैफिक का नया नाम मेंबर ट्रांसपोर्टेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट होगा।

इन तीन मेंबर्स के अलावा चेयरमैन, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) और फाइनेंस कमिश्नर (एफसी) को मिलाकर कुल पांच मेंबर्स का रेलवे बोर्ड होगा। सूत्रों का कहना है कि मेंबर मैटीरियल मैनेजमेंट और मेंबर एसएंडटी की दोनों पोस्ट भी स्क्रैप होकर डीजी/पर्सनल की तर्ज पर डीजी/स्टोर्स और डीजी/एसएंडटी हो जाएंगी, तथापि पहले की तरह यह तीनों डीजी, “पार्ट ऑफ रेलवे बोर्ड” नहीं होंगे।

सूत्रों का कहना है कि कैडर मर्जर के मामले को लेकर जब मीडिया में भारी हंगामा मचा हुआ था और सिविल सेवा के तीनों कैडर हर मंच से इसका न सिर्फ भारी विरोध कर रहे थे, बल्कि सांसदों-मंत्रियों सहित पीएमओ को ज्ञापन देकर इसके हानि-लाभ समझा रहे थे, तब पीएमओ द्वारा रेलमंत्री से इस बारे में न सिर्फ कड़ी पूछताछ की गई थी, बल्कि मामले का तत्काल उचित समाधान करने का निर्देश भी दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि इसी के बाद रेलमंत्री ने अक्षम सीआरबी की लंबी क्लास लेकर सिविल सेवा के तीनों कैडर्स को दो-दो साल का वेटेज देकर मामले को फौरन हल करने का निर्देश दिया। इसी के साथ नई स्थिति के अनुसार जीएम और डीआरएम पैनल भी तुरंत तैयार करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि डीओपीटी के निर्देशानुसार जीएम पैनल कैलेंडर इयर के लिए बनाए जाने हेतु छह महीने पूर्व, सितंबर 2019 में ही इसलिए खत्म कर दिया गया था कि जिससे नए कैलेंडर इयर 2020 के लिए 31 दिसंबर 2019 से पहले नया जीएम पैनल तैयार कर लिया जाए।

परंतु अक्षम सीआरबी और अक्षम सेक्रेटरी/रे.बो. के चलते आज लगभग एक साल पूरा होने जा रहा है, मगर नया जीएम पैनल उपलब्ध नहीं है, बल्कि अब चौथी-पांचवीं बार पुनः उसे नए सिरे से बनाना पड़ रहा है। इसके चलते कई वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा कैरियर खराब हो चुका है। कई वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें से कुछ रिटायर हो चुके हैं और कुछ रिटायर होने के कगार पर आ चुके हैं, का मानना है कि उनका कैरियर खराब करने के लिए सीआरबी और सेक्रेटरी तो निश्चित रूप से जिम्मेदार हैं, मगर रेलमंत्री भी इसलिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उनकी कोई नीति और मन:स्थिति स्थिर नहीं है, जिससे रेलवे का भला होने के बजाय बुरा ज्यादा हो रहा है।