डीए/डीआर मामला: सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे -डॉ एम राघवैया, महामंत्री/एनएफआईआर
जनवरी 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए डीए/डीआर का भुगतान नहीं किया जाना अनुचित
सरकार का यह निर्णय महामारी रोकने में राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के उत्साह को ध्वस्त कर देगा
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ एम राघवैया ने केंद्र सरकार से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत भत्ते पर रोक लगाने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है।
जुलाई 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) पर डेढ़ साल के लिए रोक लगाने के केंद्र सरकार के मनमाने फैसले पर एनएफआईआर ने आश्चर्य व्यक्त किया है। फेडरेशन के महामंत्री डॉ राघवैया का कहना है कि जनवरी 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए डीए/डीआर का भुगतान नहीं किया जाना अनुचित है, क्योंकि यह निर्णय कोविद -19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन पीरियड में राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के उत्साह को ध्वस्त कर देगा।
उन्होंने कहा कि इतनी लंबी अवधि के लिए केंद्र सरकार के पेंशनर्स को मंहगाई राहत का अवमूल्यन और जुलाई 2021 तक 18 महीने की अवधि के लिए भुगतान से वंचित करना वरिष्ठ नागरिकों के साथ बहुत अनुचित और कठोर व्यवहार करने वाला निर्णय है।
एनएफआईआर के महासचिव डॉ एम राघवैया ने कहा कि सभी रैंकों के लगभग 13 लाख रेल कर्मचारी फील्ड में काम कर रहे हैं। कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और कोरोना वायरस के संक्रमण के जोखिम को कम कर रहे हैं। रेलवे की संपत्ति को बनाए रखते हुए मालगाड़ियां, पार्सल स्पेशल और अन्य विशेष ट्रेनों को निर्बाध रूप से चला रहे हैं। केंद्र सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय रेल कर्मचारियों को विशेष रूप से और सामान्य रूप से केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के उत्साह को ध्वस्त कर देगा।
उन्होंने कहा कि रेलवे के कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्रीय कर्मचारियों ने भी पीएम केयर्स फंड में एक दिन के वेतन का योगदान दिया है। सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स 18 महीने की राहत राशि के लिए पर्याप्त रूप से संपन्न नहीं हैं।
एनएफआईआर के महासचिव डॉ राघवैया ने प्रधानमंत्री से पुनः अपील की है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगातार जूझ रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते के बकाया और महंगाई राहत का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।