कांकोर और बीपीसीएल सहित पांच सरकारी कंपनियों में विनिवेश को कैबिनेट की मंजूरी
बीपीसीएल, कांकोर, नीपको, टीएचडीसीएल और एससीआई में 51% से कम हो जाएगी सरकारी हिस्सेदारी
कांग्रेस ने सरकारी कंपनियों के विनिवेश को देशहित के विरुद्ध बताया, पुनर्विचार करने को कहा
केंद्र सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों के भारी विरोध के बावजूद सरकारी संस्थानों के विनिवेश को मंजूरी दे दी। बुधवार, 20 नवंबर की देर शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार द्वारा पांच सरकारी संस्थानों के विनिवेश संबंधी बड़े फैसलों की जानकारी दी।
वित्तमंत्री सुश्री सीतारमण ने बताया कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ ही कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (कांकोर), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीएल), नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (नीपको) और शिपिंग कॉरपरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एससीआई) के विनिवेश को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय
केंद्र सरकार अपनी दो बड़ी कंपनियों, बीपीसीएल की 53.4% और शिपिंग कॉर्पोरेशन की 63.5% हिस्सेदारी बेचेगी। बीपीसीएल में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 53.29% है।
विनिवेश प्रक्रिया में नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की 61% हिस्सेदारी शामिल नहीं है। मंत्रिमंडल ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी को छोड़कर बीपीसीएल में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ ही इसके रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है।
FM Nirmala Sitharaman: Numaligarh Refinery will be with the government only. It shall not go in for disinvestment. BPCL minus Numaligarh Refinery will go for disinvestment.
https://twitter.com/ANI/status/1197187305288564737 …
FM Nirmala Sitharaman: Cabinet has approved strategic disinvestment of Bharat Petroleum Corporation Limited, of Govt of India share holding of 53.29% along with transfer of certain management control. This is excluding BPCL’s equity share holding of 61% stake in Numaligarh Refinery
FM Nirmala Sitharaman:Cabinet has approved strategic disinvestment of Bharat Petroleum Corporation Limited, of Govt of India share holding of 53.29% along with transfer of certain management control.This is excluding BPCL's equity share holding of 61% stake in Numaligarh Refinery pic.twitter.com/R9WxfUuXhB
— ANI (@ANI) November 20, 2019
कैबिनेट ने उपरोक्त पांचों सरकारी कंपनियों में अपनी शेयर हिस्सेदारी को 51% से नीचे लाने को मंजूरी दी है। यानि बीपीसीएल के अलावा चार अन्य सरकारी कंपनियों में भी सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद सरकार की हिस्सेदारी 51% से नीचे रह जाएगी।
Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA), chaired by Prime Minister Narendra Modi has accorded ‘in-principle’ approval for enabling reduction of Government of India paid-up share capital below 51% in select CPSEs while retaining the management control.
Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA), chaired by Prime Minister Narendra Modi has accorded 'in-principle' approval for enabling reduction of Government of India paid-up share capital below 51% in select CPSEs while retaining the management control.
— ANI (@ANI) November 20, 2019
बीपीसीएल के अलावा शिपिंग कॉरपरेशन यानि भारतीय जहाजरानी निगम के रणनीतिक विनिवेश को भी मंजूरी दी गई है। शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की 63.75% की बिक्री और कंटेनर कॉरपोरेशन में 30.9% हिस्सेदारी के विनिवेश की भी मंजूरी मिली है।
मंत्रिमंडल ने कांकोर, टीएचडीसीआईएल में भी प्रबंधन नियंत्रण निजी हाथों में सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। सरकार के पास फिलहाल कांकोर में 54.80% हिस्सेदारी है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के सामने अर्थव्यवस्था की चुनौतियां
नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) टीएचडीसीआईएल में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके अलावा यह कंपनी नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नीपको) में भी सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी।
मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण को जारी रखते हुए इंडियन ऑयल जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को 51% से कम करने को मंजूरी दी है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश की मदद से 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। अब तक करीब 17365 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के प्रस्तावित विनिवेश की खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के एक सदस्य ने लोकसभा में बुधवार को विनिवेश के फैसले को देशहित के लिए नुकसानदेह बताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है।
कांग्रेस के सांसद डीबी इडन ने नियम 377 के तहत संसद में इस विषय को उठाते हुए कहा कि खबरों के अनुसार बीपीसीएल के विनिवेश का जो कथित सैद्धांतिक फैसला लिया गया है, वह देशहित के लिए हानिकारक है।