औद्योगिक प्रगति में रेलवे की उत्पादन इकाईयों का महत्वपूर्ण योगदान है -राजेश अग्रवाल
पूरी तरह उत्पादन इकाईयों के पक्ष में और अपने कर्मचारियों के साथ हैं मेंबर रोलिंग स्टॉक
‘ब्रेकवेथ’ ने 10 करोड़ का लाभ कमाकर सरकार के निर्णय को गलत साबित किया-एमआरएस
विश्व की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास भी नहीं हैं भारतीय रेल जैसी अत्याधुनिक फैक्ट्रियां
जानकारों के इनपुट को स्वीकार करने में परेशानी नहीं, रेलकर्मियों का नुकसान नहीं होने देंगे
नई दिल्ली : ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के मुख्यालय सभागार में ‘रेल संरक्षा में रेलवे की उत्पादन इकाईयों की भूमिका’ विषय पर मंगलवार, 13 अगस्त को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में रेलवे बोर्ड के मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल, एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, कोषाध्यक्ष जे. आर. भोसले के साथ सभी उत्पादन इकाईयों के पदाधिकारीगण और प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
कार्यशाला में उपस्थित कर्मचारियों एवं यूनियन पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मेंबर रोलिंग स्टाक राजेश अग्रवाल ने कहा कि औद्योगिक प्रगति में रेलवे की उत्पादन इकाईयों और कारखानों का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की एमसीएफ और आईसीएफ जैसी अत्याधुनिक फैक्ट्रियों के काम को दुनिया सलाम कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी वृहद् और आधुनिक फैक्ट्रियां विश्व की बड़ी से बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास भी नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की क्षमता और काबिलियत पर किसी को कोई शक नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलहाल निगमीकरण पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. स्टडी होने दीजिए, दुनिया को हमारी असलियत की जानकारी होगी, इस स्टडी से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इससे हमारे काम पर प्रगति का ठप्पा अवश्य लगेगा.
एमआरएस राजेश अग्रवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जिस ब्रेकवेथ को बंद करने का निर्णय लिया गया था, उसी ने 10 करोड़ का लाभ कमाया और सरकार के निर्णय को गलत साबित किया. अगर देश या विदेश के कोई भी जानकार किसी तरह का इनपुट देते हैं, तो इसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. मेबर रोलिंग स्टाक ने कहा कि वह पूरी तरह से अपनी उत्पादन इकाईयों के पक्ष में और अपने कर्मचारियों के साथ हैं, वह कर्मचारियों का किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होंगे देंगे.
एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि आज कर्मचारियों को तकलीफ इस बात की है कि जहां बेहतर काम करने पर पुरस्कार दिया जाता है, वहीं रेल कर्मचारियों को ‘निगमीकरण का तोहफा’ दिया जा रहा है. इससे न सिर्फ कर्मचारियों, बल्कि उनके परिवार के लोग भी सशंकित हैं. एआईआरएफ के कोषाध्यक्ष जे. आर. भोसले ने कहा कि उत्पादन इकाईयों के कर्मचारी खुद को अकेला महसूस न करें, एआईआरएफ की सभी जोनल यूनिट उनके संघर्ष में बराबर की भागीदार हैं.