पू.म.रे.: रविवार को पोस्टिंग आर्डर निकालने की क्या थी हड़बड़ी?
केंदीय गृहमंत्री को मना करने के बाद कार्य-दिवस में जारी हो सकता था आर्डर!
भारतीय रेल के अधिकारियों की हर छोटी-बड़ी पोस्ट का हो चुका है राजनीतिकरण
ट्रैफिक निदेशालय की अकर्मण्यता के चलते बीसों साल से एक ही जगह जमे हैं तमाम ट्रैफिक अधिकारी
सुरेश त्रिपाठी
भारतीय रेल के चौकीदार यानि रेलमंत्री पीयूष गोयल के लोकसभा चुनावों में व्यस्त होने और आजकल रेलवे के कामकाज पर उनका पर्याप्त ध्यान न होने से ऐसा लगता है कि रेलवे की नौकरशाही निरंकुश होकर मनमाना कामकाज कर रही है. इसी के परिणामस्वरूप पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा सार्वजनिक छुट्टी के दिन रविवार, 21 अप्रैल को कार्यालय खोलकर एक खास अधिकारी की उसकी इच्छानुसार पोस्टिंग की गई. हालांकि जानकारों का कहना है कि इस हड़बड़ी की कोई जरूरत नहीं थी, यह काम अगले कार्य-दिवस यानि सोमवार को भी किया जा सकता था. उनका यह भी कहना है कि इस तरह की राजनीतिक सिफारिश यदि किसी छोटे रेलकर्मी ने लगाई होती, तो अब तक उसके विरुद्ध रेल प्रशासन द्वारा कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जा चुकी होती.
पूर्व मध्य रेलवे के वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/राजपत्रित (एसपीओ/ गजटेड) दिलीप पासवान द्वारा 21 अप्रैल 2019 को जारी ऑर्डर (पत्र सं. ईसीआर/एचआरडी/गजटेड/112/ट्रैफिक/पार्ट-5) के अनुसारआधार राज की पूर्व पोस्टिंग सीनियर डीसीएम/समस्तीपुर से बदलकर सीनियर डीसीएम/दानापुर और ए. के. पांडेय की पोस्टिंग सीनियर डीसीएम/दानापुर से बदलकर पूर्ववत सीनियर डीसीएम/ समस्तीपुर कर दी गई. पंकज कुमार, सीनियर डीओएम/धनबाद की पोस्टिंग ज्यों की त्यों रहने दी गई. जबकि इससे पहले जारी कार्यालय आदेश (समसंख्यक पत्र सं. गजटेड/150/219, दि. 15.04.2019) के अनुसार आधार राज को सीनियर डीओएम/धनबाद से हटाकर सीनियर डीसीएम/समस्तीपुर के पद पर पदस्थ किया गया था और ए. के. पांडेय को सीनियर डीसीएम/समस्तीपुर से स्थानांतरित करके सीनियर डीसीएम/दानापुर के पद पर ले जाया गया था.
पूर्व मध्य रेलवे के विश्वसनीय सूत्रों से ‘रेल समाचार’ को प्राप्त जानकारी के अनुसार पीसीओएम/पू.म.रे. के खास आधार राज को गंभीर शिकायतों के चलते सीनियर डीओएम/धनबाद के पद से हटाया गया था. सूत्रों का कहना है कि 15 अप्रैल का स्थानांतरण आदेश जारी होने के तुरंत बाद दिल्ली जाकर आधार राज ने केंद्रीय गृहमंत्री से अपना तबादला रद्द करवाने की सिफारिश करवाई थी. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने महाप्रबंधक/पू.म.रे. को फोन करके आधार राज को फिलहाल धनबाद से नहीं हटाने को कहा. मगर महाप्रबंधक ने उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया कि ‘आधार राज के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं, अतः उनका तबादला रद्द नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा.’ इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने उनसे कुछ नहीं कहा.
सूत्रों ने आगे बताया कि आधार राज का जब यह दांव फेल हो गया, तब उन्होंने अपनी पोस्टिंग समस्तीपुर से बदलकर दानापुर करने की गुजारिश की, जिसे फौरन मान लिया गया. सूत्रों का कहना है कि इसीलिए रविवार को कार्यालय खोलकर हड़बड़ी में उक्त संशोधित पोस्टिंग ऑर्डर जारी किया गया. परंतु सार्वजनिक छुट्टी के दिन रविवार को ही यह ऑर्डर जारी किए जाने की ऐसी हड़बड़ी या जल्दबाजी क्यों की गई, यह पूछे जाने पर सूत्रों का कहना था कि चूंकि प्रशासन को लगा कि कहीं दूसरा अधिकारी, जिसे दानापुर के बजाय समस्तीपुर में ही स्थानबद्ध कर दिया गया, भी यदि ऐसी ही कोई उच्च सिफारिश ले आया, तो आधार राज की मनोकामना पूरी होने के बजाय अधर में लटक जाएगी, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री तक की ‘उच्च पहुंच’ देखने के बाद आधार राज की इच्छापूर्ति करना प्रशासन के लिए जरूरी हो गया था.
हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि गंभीर शिकायतों के चलते आधार राज को ‘एग्रीड लिस्ट’ में डाला गया है. ऐसे में सीनियर डीसीएम/दानापुर जैसी उच्चतम संवेदनशील पोस्ट पर उनको पदस्थ किया जाना नियम-विरुद्ध है. उनका कहना है कि तथापि अब जब रेलवे की सभी छोटी-बड़ी पोस्टों का राजनीतिकरण किया जा चुका है, तब उच्च राजनीतिक पहुंच वाले किसी भी अधिकारी के लिए अपनी पोस्टिंग ऐसी किसी पोस्ट पर करा लेना मामूली बात हो गई है. इसीलिए रेल प्रशासन सहित रेलवे की समस्त कार्य-प्रणाली भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आ चुकी है, जहां अब नियम-कानून अथवा नैतिकता एवं सुचिता के कोई मायने नहीं रह गए हैं. जानकारों का कहना है कि जब रेलवे बोर्ड का परिचालन निदेशालय ही अकर्मण्यता का शिकार हुआ बैठा है और वरिष्ठ ट्रैफिक अधिकारियों को 20-30 सालों से एक ही जगह, एक ही शहर में और एक ही रेलवे में पाल-पोस रहा है, तब कनिष्ठ स्तर पर यह सब अनियमितता कौन देखने वाला है?