अप्रेंटिस और लार्जेस पर रेलकर्मियों को गुमराह कर रही हैं यूनियनें -रेलमंत्री
हर यात्री की अच्छी सेवा हो, आपका काम जनता भी देख रही है -पीयूष गोयल
मंत्री की स्पष्टवादिता पर भड़के रेलकर्मी, खिलाफत में किया नारेबाजी और घेराव
निजी हित में रेलकर्मियों ने ताक पर रखा आमंत्रित अतिथि का शिष्टाचार/संस्कार
गोरखपुर ब्यूरो : लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेडियम में नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) की वार्षिक सर्वसाधारण सभा के खुले सत्र में शुक्रवार, 16 नवंबर को बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे रेलमंत्री पीयूष गोयल को अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता का खामियाजा भुगतना पड़ा. रेलमंत्री की दो-टूक बातों से कम मगर शिवगोपाल मिश्रा के उत्तेजित जवाब से ज्यादा भड़के सैकड़ों रेलकर्मियों ने मंच पर ही उनका घेराव कर दिया और आमंत्रित अतिथि का सारा शिष्टाचार एवं संस्कार भूलकर उनके खिलाफ ‘रेलमंत्री मुर्दाबाद, रेलमंत्री वापस जाओ’ के नारे लगाने लगे. कुछ रेलकर्मियों ने रेलमंत्री के साथ अभद्रता करने की भी कोशिश की. इस स्थिति से भौंचक मंच पर उपस्थित लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया सहित अन्य कई आमंत्रित गणमान्य अतिथि इस असभ्य वाकये के गवाह बने. स्थिति अनियंत्रित होते देखकर आरपीएफ ने रेलमंत्री को अपने घेरे में लेकर और पंडाल से बाहर खड़ी कार में बैठाकर उन्हें लेकर सीधे अमौसी हवाई अड्डे के लिए निकल गए.
इस आपाधापी में किसी रेलकर्मी ने रेलमंत्री पर गमला फेंककर मारा, जो कि उनकी सुरक्षा में लगे एक आरपीएफ जवान पंकज शुक्ला को लगा, जिससे उन्हें काफी चोटें आईं. यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा के उत्तेजित वक्तव्य से पैदा हुए इस जनाक्रोश से बाकी सभी पदाधिकारी भी भौंचक रह गए. हालांकि कॉम. मिश्रा माइक से अपने सभी उत्तेजित कार्यकर्ताओं से शांत हो जाने, अभद्रता नहीं करने तथा रेलमंत्री को बाहर जाने का रास्ता देने का आह्वान करते रहे. तथापि आक्रोशित रेलकर्मियों ने कार में बैठने तक रेलमंत्री का पीछा किया और उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. जो कि उनकी अशिष्टता, अभद्रता और अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा थी. यह सब देखकर कॉम. मिश्रा के मुंह से एकबारगी गुस्से में उनके लिए ‘ब्लडी फूल’ शब्द भी निकल गया.
सबसे पहले यूनियन के महामंत्री कॉम. शिवगोपाल मिश्रा ने मंच पर रेलमंत्री की सौहार्दपूर्ण अगवानी और स्वागत-सत्कार के बाद यूनियन की मांगों से उन्हें अवगत कराया और उनसे रेलकर्मियों के हित में कुछ सकारात्मक आश्वासन की अपेक्षा के बाद उन्हें माइक पर आमंत्रित किया. रेलमंत्री ने भी अपने वक्तव्य में तमाम शिष्टाचार के बाद सर्दी, गर्मी, बरसात और त्यौहार इत्यादि हर समय देश भर में रेलगाड़ियों को सतत चलाते रहने में पूरी तरह उनका साथ देने के लिए सभी उपस्थित रेलकर्मियों को नमस्कार किया. उन्होंने अधिवेशन की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए आगे कहा कि हाल ही में दीपावली मानने के साथ ही सभी रेलकर्मियों ने रेलवे की बेहतरी के लिए भी कुछ न कुछ संकल्प लिया होगा. उन्होंने इसी संदर्भ में कुछ कागजात दिखाते हुए कहा कि वह यहां उनके कुछ लिखित संकल्पों को भी देख रहे हैं.
फोटो परिचय : नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के अधिवेशन के मंच से पूरी स्पष्टवादिता और निर्भीकता के साथ अपना वक्तव्य देते रेलमंत्री पीयूष गोयल.
रेलमंत्री श्री गोयल ने कहा कि जितना उन्हें (रेलकर्मियों को) झेलना पड़ा है, उससे कहीं ज्यादा उन्हें शिवगोपाल जी को झेलना पड़ता है. लेकिन मैं हर बार दो टूक बात करता हूं. उन्होंने कहा कि शिवगोपाल जी से लगातार बातचीत-चर्चा होती है, उससे रास्ता निकालने की कोशिश होती है. यह प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी. हरेक की अपनी-अपनी कुछ मजबूरियां होती हैं, अपनी कुछ सोच भी होती है. उन्होंने कहा कि अभी शिवगोपाल जी अप्रेंटिसशिप की कुछ बातें कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्णय है कि रेलवे में बहाली होगी, तो एकदम पारदर्शी तरीके से होगी और सभी को समान अवसर मिलेगा तथा उसके हिसाब से ही बहाली होगी. आप किसी एक वर्ग को अलग से बहाली नहीं कर सकते हैं, यह बात कोर्ट ने कही है. उन्होंने मंच पर बैठे शिवगोपाल मिश्रा को संबोधित करते हुए कहा कि यह बात उन्होंने देश भर में कई मंचों से कही है और आपको तथा आपके सभी पदाधिकारियों को भी मैं कई बार समझा चुका हूं.
उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि इसके बावजूद आप लोग अप्रेंटिसों और युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रहे हो. उन्हें गलत शिक्षा दे रहे हो. उन्होंने कहा कि जब किसी अप्रेंटिस को लिया जाता है, उन्हें पहले ही बता दिया जाता है कि कानून में यह स्पष्ट है कि उन्हें ही लिया जाएगा, आपकी कोई लॉबी बन गई है, ऐसा कुछ पक्का नहीं है. उन्होंने कहा कि इसी के चलते जिन लोगों ने दस-दस साल काम किया, रेलवे को उन्हें भी बाहर करना पड़ा है, क्योंकि जिनको समान अवसर नहीं मिला, उन सबको घर जाना पड़ा है. इस पर उन्होंने शिवगोपाल मिश्रा की तरफ मुखातिब होकर उनकी सहमति भी ली और कहा कि आप ऐसे ही किसी को नौकरी नहीं दे सकते हैं. अप्रेंटिसशिप और लार्जेस पर कोर्ट का निर्णय है कि कोई भी नियुक्ति समानता और पारदर्शिता से होगी. अप्रेंटिसशीप कराते हुए कहीं भी ऐसा नियम नहीं है कि आपको कोर्स करने के बाद नौकरी दी ही जाएगी. किसी एक वर्ग की बहाली बिना भर्ती प्रक्रिया के नहीं हो सकती है.
फोटो परिचय : अपना वक्तव्य देने से पहले लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया सहित अन्य आमंत्रित अतिथियों एवं यूनियन पदाधिकारियों के साथ मंच पर विराजमान रेलमंत्री पीयूष गोयल.
रेलमंत्री ने कहा कि मुझे भी तकलीफ है कि अप्रेंटिसशिप के बाद 10-10 साल काम करने के बाद भी कुछ लोगों को रेलवे से बाहर जाना पड़ा. लेकिन फिर भी हमने जब सवा लाख भर्तियां निकालीं, तो हमने अपने अप्रेंटिसशिप करने वालों के लिए कुछ प्रतिशत सीटें आरक्षित कीं, जिससे अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिलने की संभावना बन सके. लेकिन यह सब बिना निर्धारित प्रक्रिया के नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं है कि सभी ने अप्रेंटिसशिप में काम ही किया हो, हो सकता है कि उनमें से कई लोगों ने काम में कोताही की हो. इसलिए टेस्ट लेना तय किया गया, जिससे अच्छे लोगों को नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा हो. यदि हम सभी अप्रेंटिस करने वालों को सीधे नौकरी देते, और यदि एक भी कोर्ट केस हो जाता, तो सबको घर बैठना पड़ता और हम भी आज कोर्ट में बैठे होते.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस तरह तो हमने नुकसान के बजाय उनका भला ही चाहा है. उनके लिए एक अलग कोटा रखा है, जिससे उन्हें आगे अच्छा अवसर मिले. और यदि कोटे में नहीं आ पाते हैं, तो बाकी लोगों के साथ फिर भी एक और अवसर की संभावना उनके लिए बनी हुई है. रेलमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सबको प्रैक्टिकल तरीके से ही आगे बढ़ना पड़ेगा. अगर हम पक्षपात करेंगे, तो बात बनने के बजाय बिगड़ सकती है और फिर हम कोर्ट के चक्कर लगाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि तर्कसंगत तरीके से समस्या का हल नहीं निकालने और बेबुनियाद विवाद या मांग करने से रेलवे और यूनियन किसी को लाभ नहीं होगा.
अपने वक्तव्य के अंत में पानी पीकर रेलमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण समाप्त किया, उसके तुरंत बाद एआईआरएफ एवं एनआरएमयू के महामंत्री कॉम. शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री को जवाब देने के लिए मंच संभाला और भारी गुस्से के साथ अत्यंत कड़े तेवर में कहा कि यूनियन किसी को बहकाती नहीं है, यह रेलकर्मियों का अधिकार है, रेलकर्मियों ने कई हड़तालों में सीने पर गोलियां खाई हैं. उनके इसी उत्तेजित करने वाले संबोधन को सुनते ही माहौल बिगड़ गया. सैकड़ों रेलकर्मियों ने रेलमंत्री को मंच के सामने ही घेर लिया और उनके खिलाफ रेलमंत्री मुर्दाबाद, रेलमंत्री वापस जाओ, की नारेबाजी करने लगे.
फोटो परिचय : अपने सभी संस्कारों और शिष्टाचारों को ताक पर रखकर रेलमंत्री पीयूष गोयल का घेराव करके उनके खिलाफ मुर्दाबाद की नारेबाजी करते संस्कार और अनुशासनविहीन अनियंत्रित रेलकर्मी.