सामुदायिक पुलिसिंग द्वारा रेलयात्रियों के साथ विश्वास और सहयोग का मजबूत नेटवर्क स्थापित करने का प्रयास
रेलयात्रियों के साथ विश्वास स्थापित करने में रेलवे सुरक्षा बल (#RPF) अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा सामुदायिक पुलिसिंग के द्वारा यात्रियों से बेहतर संवाद स्थापित कर रहा है। भारतीय रेल में यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये रेलवे सुरक्षा बल ने सामुदायिक पुलिसिंग की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। सामुदायिक पुलिसिंग का मुख्य उद्देश्य जनता और पुलिस के बीच एक बेहतर संवाद स्थापित करना है, साथ ही न केवल अपराधों पर नियंत्रण पाना है, बल्कि रेल यात्रियों के साथ विश्वास और सहयोग का मजबूत नेटवर्क भी स्थापित करना है, ताकि रेल यात्री भयमुक्त वातावरण में सुरक्षित यात्रा कर सकें।
रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों के साथ “मुस्कान और खुशियाँ फैलाना” जैसे अभियान भी चला रही है जिसके तहत विशेष अवसरों पर रंगोली, यात्रियों का पारम्परिक तरीके से स्वागत करते हुए बच्चों को गुब्बारे, मिठाई/टॉफी बांटकर उनकी यात्रा को खुशियों से भरना है। बच्चों व अभिभावकों के साथ इस प्रकार का अनुभव उनकी यात्रा स्मृतियों में चिर स्थायी रहता है। साथ ही यात्रियों को यह विश्वास भी दिलाता है कि रेलवे सुरक्षा बल उनकी सुरक्षा में एक परिवार की भाँति सदैव उनके साथ है।
रेलवे सुरक्षा बल की सामुदायिक पुलिसिंग रणनीति ने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को न केवल मजबूत किया है, बल्कि यात्रियों और पुलिस बल के बीच एक मजबूत और सकारात्मक सम्बन्ध स्थापित किया है। इस प्रकार के प्रयासों से रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा का स्तर ऊंचा हुआ है और यात्रियों का रेलवे के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। रेलवे सुरक्षा बल भारतीय रेलवे की सुरक्षा और समृद्धि के लिये अहम् भूमिका निभा रहा है।
बुर्जुग, बच्चे, महिला यात्रियों की सहायता
रेलवे सुरक्षा बल ने यह सुनिश्चित किया है कि यात्रियों को किसी प्रकार परेशानी का सामना नही करना पड़े चाहे टेªनों में यात्रा करते समय यात्री की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो या महिलाओं को उनकी यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ हो, किसी बुजुर्ग, बच्चे, महिला यात्री के बिछड़ जाने, सम्पर्क नही होने आदि की समस्या हो या किसी दिव्यांगजन को सहायता की आवश्यकता हो, रेलवे सुरक्षा बल के जवान यात्रियों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस सम्बन्ध में चलाये जा रहे विभिन्न अभियान ऑपरेशन “मातृशक्ति”, ऑपरेशन “डिग्निटी”, ऑपरेशन “सेवा” सामुदायिक पुलिसिंग के बेहतरीन उदाहरण हैं।
भारतीय रेलवे में वर्ष 2024 के दौरान रेलवे सुरक्षा बल द्वारा ऑपरेशन डिग्नटी के तहत 4047 व्यक्तियों जिसमें 40 प्रतिशत महिलायें तथा ऑपरेशन सेवा के तहत कुल 17119 व्यक्तियों को सहायता प्रदान की गई। ऑपरेशन मातृशक्ति के तहत भी कुल 174 महिला यात्रियों की यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा होने की स्थिति में सहायता प्रदान की गई है।
महिला यात्री सुरक्षा में योगदान
रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अकेली यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा और उनके प्रति संवेदनशीलता होते हुये एक महत्वपूर्ण पहल “मेरी सहेली” की शुरूआत की है ताकि महिला यात्रियों को सुरक्षति यात्रा का अहसास हो और कोई भी समस्या होने पर रेलवे सुरक्षा बल की मदद उपलब्ध हो जाये । यह पहल महिला यात्रियों के मनोबल को बढ़ाती है और उन्हें यकीन दिलाती है कि भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान वह पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा रेलवे सुरक्षा बल उनकी सुरक्षा के लिये पूरी तरह से तत्पर है।
वर्ष 2024 में मेरी सहेली टीम द्वारा प्रतिदिन 489 सवारी गाड़ियों में औसतन 12932 महिला यात्रियों को अटैण्ड कर सुरक्षा प्रदान की गई है। वर्ष 2024 के माह अप्रैल से दिसम्बर तक मेरी सहेली अभियान के अन्तर्गत पूर्वोत्तर रेलवे में महिला रेलवे सुरक्षा बल कर्मियों द्वारा 18,355 गाड़ियों में कुल 4,08,358 अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों से मेरी सहेली टीम द्वारा सम्पर्क कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुये रेल मदद 139 के प्रति जागरूक किया गया।
यात्री जीवन की रक्षा में योगदान
कई बार यात्री अपनी जान को जोखिम में डालते हुये चलती गाड़ी में चढ़ने/उतरने की कोशिश करते हुए फिसल जाते हैं, ऐसे में रेलवे सुरक्षा बल के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने की पूर्ण कोशिश करते हैं। वर्ष 2024 में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा ऑपरेशन “जीवन रक्षा” के तहत कुल 3884 व्यक्तियों की जान बचाई गई है जिसमें 27 प्रतिशत महिलायें शामिल हैं।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
बच्चे देश का भविष्य हैं और रेलवे सुरक्षा बल ने देश के भविष्य को एक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाने की पहल में उनकी देखभाल व संरक्षण सुनिश्चित करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” चलाया जा रहा है वर्ष 2024 में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कुल 14756 बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया गया है जिसमें 31 प्रतिशत बालिकायें हैं।
रेलवे सुरक्षा बल ने मानव तस्करी के खिलाफ ऑपरेशन “आहट” शुरू किया है जिसके तहत भारतीय रेलवे में 740 से अधिक स्थानों पर पोस्ट स्तर पर एंटी ह्यूमन टैªकिंग यूनिट कार्यरत है जिनके द्वारा रेलवे के माध्यम से बच्चों की तस्करी करने वाले तस्करों से बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें नया जीवन प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2024 में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कुल 1007 बच्चे/वयस्क जिसमें 94 प्रतिशत बच्चें हैं, को रेस्क्यू कर कुल 303 तस्करों को जीआरपी को सुपुर्द किया है। पूर्वोत्तर रेलवे पर अप्रैल से दिसम्बर,2024 तक रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गाड़ियों से 469 लड़के एवं 242 लड़कियों सहित कुल 711 बच्चों को बरामद कर सुरक्षित उनके परिजनों अथवा संस्थाओं को सुपुर्द किया गया।
यात्री सामान की सुरक्षा
रेलवे सुरक्षा बल ऑपरेशन “अमानत” के तहत छूटे हुये सामानों को सुरक्षित रखने और उन्हें सही मालिक तक पहुंचाने में मदद करती है। भारतीय रेलवे में रेलवे सुरक्षा बल वर्ष 2024 में ऑपरेशन अमानत के तहत 39754 यात्री सामान, कीमती 71.31 करोड़ बरामद कर सकुशल सुपुर्द किया गया है। रेलवे सुरक्षा बल पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा अप्रैल से दिसम्बर,2024 तक कुल 1053 यात्रियों के यात्रा के दौरान छूटे हुये सामान को बरामद कर उन्हें सुरक्षित सुपुर्द किया गया।
रेलवे सुरक्षा बल की सामुदायिक पुलिसिंग रणनीति ने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को न केवल मजबूत किया है, बल्कि यात्रियों और पुलिस बल के बीच एक मजबूत और सकारात्मक सम्बन्ध स्थापित किया है। इस प्रकार के प्रयासों से रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा का स्तर ऊंचा हुआ है और यात्रियों का रेलवे के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। रेलवे सुरक्षा बल भारतीय रेलवे की सुरक्षा और समृद्धि के लिये अहम भूमिका निभा रहा है।