सीनियर डीसीएम/एलजेएन की कारवाई से करप्ट चेकिंग स्टाफ में हड़कंप
गोरखपुर ब्यूरो: शनिवार, 7 दिसंबर को सीनियर डीसीएम/लखनऊ मंडल, पूर्वोत्तर रेलवे आशुतोष गुप्ता ने लखनऊ जंक्शन की पूरी रेड/फ्री मूवमेंट यूनिट को तुरंत प्रभाव से समाप्त करते हुए यूनिट के सभी स्टाफ को स्टेशन ड्यूटी पर लगा दिया और टीटीआई पूजा सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया तथा यूनिट इंचार्ज महेश प्रताप को ऐशबाग स्टेशन पर शिफ्ट कर दिया। सीनियर डीसीएम श्री गुप्ता द्वारा अचानक की गई इस कड़ी कार्रवाई से जहाँ एक तरफ मंडल के समस्त चेकिंग स्टाफ में हड़कंप मच गया, वहीं दूसरी तरफ करप्ट स्टाफ को सांप सूँघ गया।
Excess Fare Ticket (#EFT) यह बुक टिकट चेकिंग स्टॉफ को जारी की जाती है। जब कोई व्यक्ति बिना टिकट या उचित अधिकार यात्रा पत्र के बिना यात्रा करते हुए ट्रेन या स्टेशन में पाया जाता है, तो चेकिंग स्टॉफ उससे नियमानुसार किराया और जुर्माने की राशि लेकर #EFT रसीद जारी करता है और ड्यूटी खत्म होने पर एकत्रित धनराशि को रेल राजस्व में जमा करा देता है।
लेकिन इस मैनुअल ईएफटी का कई बार दुरुपयोग किया गया है, जिसमें यात्री प्रति पर ऑल्टरेशन करके धनराशि को बढ़ा दिया जाता है, जबकि रिकॉर्ड और अकाउंट प्रति पर वह धनराशि दिखाई जाती है, जो रेलवे राजस्व में जमा करनी होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे (#NER) के लखनऊ जंक्शन पर कथित रूप से महाभ्रष्ट #CTTI/Raid/Free Movement महेश प्रताप के अधीन कार्यरत भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी #TTI श्रीमती पूजा सिंह द्वारा यात्रियों से ₹5200/- लेकर उनको ईएफटी जारी की गई, जबकि रेल राजस्व में मात्र ₹800/- जमा किया गया। यह फर्जीवाड़ा करने के लिए उन्होंने जो EFT जारी की, उसमें स्टेशन रिकॉर्ड और अकाउंट प्रति पर ₹800/- दिखाया, जबकि यात्री को दी गई प्रति पर कांट-छांटकर उन्होंने ₹800/- की जगह ₹5200/- दिखा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेन में सेंट्रल रेलवे के एंटी फ्रॉड की टीम द्वारा जब उन यात्रियों की EFT चेक की गई, तो उनमें कांट-छांट देखकर उन्हें कुछ संदेह हुआ और उन्होंने इसकी रिपोर्ट पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के वाणिज्य विभाग को भेज दिया। इस रिपोर्ट की जानकारी जैसे ही लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम आशुतोष गुप्ता को हुई, उन्होंने तुरंत इसकी प्राथमिक जांच करवाई और संदेह की पुष्टि होने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए तुरंत लखनऊ जंक्शन की पूरी फ्री मूवमेंट यूनिट को भंग कर दिया।
इसके साथ ही सीनियर डीसीएम ने करप्ट टीटीआई श्रीमती पूजा सिंह को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध जांच बैठा दी और यूनिट हेड महेश प्रताप को लखनऊ जंक्शन से हटाकर ऐशबाग स्टेशन पर शिफ्ट करके पूरी फ्री मूवमेंट यूनिट की गतिविधियों की जाँच हेतु एक कमेटी का भी गठन कर दिया।
इस पूरे प्रकरण में पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक अनूप सत्पथी ने भी घटना को संज्ञान में लेते हुए सीनियर डीसीएम से जानकारी ली और उसके बाद दोषियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के लिए उन्हें निर्देश देते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि जीरो टॉलरेंस से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
हालाँकि लखनऊ जंक्शन स्टेशन के समस्त चेकिंग स्टाफ का मानना है कि केवल पूजा सिंह को ही नहीं, बल्कि पूरी रेड यूनिट को ही निलंबित किया जाना चाहिए था। उनका कहना था कि यूनिट इंचार्ज को भ्रष्टाचार की अनगिनत शिकायतों के चलते पहले से एक मेजर पेनल्टी चार्जशीट मिली हुई है, जबकि वह हर स्टेशन के लगभग प्रत्येक चेकिंग स्टाफ से माहवार उगाही कर रहा था। उसे नजदीकी ऐशबाग स्टेशन पर शिफ्ट करने के बजाय निलंबित करके कहीं दूर शिफ्ट किया जाना चाहिए था।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले भी कई बार फ्री मूवमेंट यूनिट इंचार्ज को हटाने के आदेश दिए गए थे, परंतु उसकी ऊँची पहुँच और कुछ राजनीतिक एवं पूर्व प्रभावशाली ट्रैफिक अधिकारियों की सिफारिशों के दबाव में वह हर बार बचता रहा है। जानकारों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जाँच की जाए और दोषी पाए जाने पर सभी संबंधित स्टाफ को बर्खास्त किया जाना चाहिए।