“अमृत भारत स्टेशन योजना” के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों के निरंतर विकास की परिकल्पना
रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल के रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है।
इसमें मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका क्रियान्वयन करना शामिल है, ताकि स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार हो सके, जैसे स्टेशन तक पहुंच में सुधार, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट/एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म की सतह और प्लेटफॉर्म को ढंकना, साफ-सफाई, मुफ्त वाई-फाई, ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामित स्थान, भूनिर्माण आदि। प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए।
इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों ओर से जोड़ना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, आवश्यकतानुसार गिट्टी रहित ट्रैक आदि का प्रावधान, चरणबद्ध और व्यवहार्यता और दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर का निर्माण करना शामिल है।
अब तक भारतीय रेलवे पर इस योजना के तहत 1337 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें 157 स्टेशन आकांक्षी जिलों में आते हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकास के लिए पहचाने गए स्टेशनों के नाम जो आकांक्षी जिलों में स्थित हैं, इस प्रकार हैं:
आकांक्षी जिलों में स्टेशनों की संख्या और आकांक्षी जिलों में स्टेशनों के नाम-157
आबू रोड, अनुग्रह नारायण रोड, अराकू, अररिया कोर्ट, बहराईच, बलांगीर, बलरामपुर, बालसिरिंग, बांका, बनमनखी, बानो, बड़ागामदा जंक्शन, बारां, बरौनी, बरगावां, बरहनी, बरकाकाना, बारसोई जंक्शन, बासुकीनाथ, बेगुसराय, भद्राचलम रोड, भानुप्रतापपुर , भवानीपटना, बियावरा राजगढ़, बोकारो स्टील सिटी, चाईबासा, चक्रधरपुर, चंदौली मझवार, चंद्रपुरा, छबड़ा गुगोर, चित्रकुट धाम कर्वी, चोपन, कडप्पा, दाहोद, डाल्टनगंज, दमनजोड़ी, दमोह, डांगोपोसी, ढेंकनाल, ढोली, ढोलपुर, धुबरी, दुमका, फतेहपुर, फिरोजपुर कैंट, गंगाघाट, गंजबासौदा, गढ़वा रोड, गढ़वा टाउन, गौरीपुर, गया, घाटशिला, गिरिडीह, गोड्डा, गोविंदपुर रोड, गुना, गुनुपुर, गुरारू, हैदर नगर, हरिद्वार जंक्शन।
हरिशंकर रोड, हरपालपुर, हटिया, हजारीबाग रोड, हिंडौन सिटी, जगदलपुर, जैसलमेर, जमुई, जनकपुर रोड, जपला, जयपोर, कांटाबांजी।
करहागोला रोड, काशीपुर जंक्शन, कटिहार जंक्शन, केसिंगा, खगड़िया जंक्शन, खजुराहो जंक्शन, खंडवा, खरियार रोड, किच्छा, कोरापुट जंक्शन, कोरबा, लाभा, लखमीनिया, लातेहार, लिमखेड़ा, लोहरदगा, महासमुंद, महेशखूंट, मजबत, मानिकपुर जंक्शन, मनोहरपुर, मानसी जंक्शन, एमसीएस छतरपुर, मेरामंडली, मोगा, मोतीपुर, मुहम्मद गंज, मुनिगुडा, मुरी जंक्शन, मुजफ्फरपुर जंक्शन, नबीनगर रोड, नगर उंटारी, नामकोम, नंदुरबार, नवादा, ओरगा, उस्मानाबाद, पहाड़पुर, पाकुड़, परमाक्कुडी, पारसनाथ, पारलाखेमुंडी, पार्वतीपुरम, पाठशाला, पिंडवाड़ा, पिस्का, पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, रफीगंज, रायचूर जंक्शन, राजपलायम, राजमहल, राम दयालु नगर, रामनाथपुरम, रामदेवरा, रामेश्वरम, रामगढ़ कैंट, रांची जंक्शन, रायगढ़ा, रेनुकूट, रूड़की, रुथियाई, साहिबगंज, साहिबपुर कमाल, सलौना, सालमारी, श्री महावीरजी, सिद्धार्थनगर, सिल्ली, सिमुलतला, सिंगरौली, सीतामढी, सोनभद्र, श्रीविल्लीपुत्तूर, टांगला, टाटानगर, टाटीसिलवाई, टिटलागढ़ जंक्शन, तुलसीपुर, उदलगुरी, विदिशा, विरुधुनगर, व्यासनगर, वडसा, वाशिम, यादगीर
इसके अलावा, भारतीय रेल पर स्टेशनों का उन्नयन/विकास/पुनर्विकास एक सतत जारी प्रक्रिया है और इस संबंध में कार्य आवश्यकतानुसार किए जाते हैं, जो परस्पर प्राथमिकता और निधियों की उपलब्धता के अधीन होते हैं। हालांकि, स्टेशनों के उन्नयन/विकास/पुनर्विकास के लिए कार्यों को मंजूरी देने और निष्पादित करते समय निम्न श्रेणी के स्टेशनों की तुलना में उच्च श्रेणी के स्टेशनों को प्राथमिकता दी जाती है।
रेल परियोजनाओं का सर्वेक्षण/स्वीकृति/निष्पादन क्षेत्रीय रेलों के अनुसार किया जाता है, न कि राज्य-वार, क्योंकि रेलवे की परियोजनाएं राज्य की सीमाओं के पार हो सकती हैं। रेल परियोजनाओं को पारिश्रमिक, यातायात अनुमान, अंतिम मील कनेक्टिविटी, छूटे हुए लिंक और वैकल्पिक मार्गों, भीड़भाड़ वाली/संतृप्त लाइनों के विस्तार, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, संसद सदस्यों, अन्य जन प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई मांगों, रेलवे की अपनी परिचालन आवश्यकता, सामाजिक-आर्थिक विचारों आदि के आधार पर मंजूरी दी जाती है, जो चल रही परियोजनाओं की प्रगति और निधियों की समग्र उपलब्धता पर निर्भर करती है।
01.04.2024 तक, भारतीय रेल में, कुल 44,488 किमी लंबाई की 488 रेल अवसंरचना परियोजनाएँ (187 नई लाइन, 40 गेज परिवर्तन और 261 दोहरीकरण), जिनकी लागत लगभग ₹7.44 लाख करोड़ है, योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं, जिनमें से 12,045 किमी लंबाई चालू हो गई है और मार्च, 2024 तक लगभग ₹2.92 लाख करोड़ का व्यय हो चुका है। सारांश निम्नानुसार है-
सभी रेलव परियोजनाओं की लागत, व्यय और परिव्यय सहित क्षेत्रवार/वर्षवार विवरण भारतीय रेल की वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराया गया है।
भारतीय रेल में नई पटरियों के निर्माण/बिछाने का विवरण नीचे दिया गया है-
इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24) और चालू वर्ष 2024-25 में आकांक्षी जिलों सहित भारतीय रेल में कुल 60,673 किमी लंबाई के 894 सर्वेक्षण (287 नई लाइन, 14 गेज परिवर्तन और 593 दोहरीकरण) स्वीकृत किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य में पूरी तरह/आंशिक रूप से आने वाली रेलवे अवसंरचना परियोजनाएँ भारतीय रेल के उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे जोनों के अंतर्गत आती हैं।
01.04.2024 तक, श्रावस्ती जिले सहित उत्तर प्रदेश में, ₹92,001 करोड़ की लागत वाली कुल 5,874 किमी लंबाई की 68 रेल परियोजनाएँ (16 नई लाइन, 3 गेज परिवर्तन और 49 दोहरीकरण) जो पूर्णतः/आंशिक रूप से राज्य में आती हैं, योजना और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं, जिनमें से 1,313 किमी लंबाई चालू हो गई है और मार्च, 2024 तक ₹28,366 करोड़ का व्यय हो चुका है।
कार्य की स्थिति संक्षेप में इस प्रकार है-
नई लाइन परियोजना बहराइच-खलीलाबाद वाया भिनगा, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, मेहदावल, बांसी (240 किमी) में कार्य शुरू किया गया है।