आनन्दनगर-घुघली वाया महराजगंज नई रेल लाइन को मिली स्वीकृति
गोरखपुर ब्यूरो: भारतीय रेल, सर्वसामान्य रेलयात्रियों की आकांक्षाओं के अनुरूप एवं नये भारत के नये विजन को ध्यान में रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार एवं विकास पर तेज गति से कार्य कर रही है। इसके अन्तर्गत पूर्वोत्तर रेलवे पर अनेक आमान परिवर्तन, दोहरीकरण, तीसरी लाइन एवं नई लाइनों के निर्माण के कार्य किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में नई रेल लाइन आनन्दनगर-घुघली वाया महराजगंज को स्वीकृति मिली है। यह नई रेल लाइन आनन्दनगर से महराजगंज होते हुए घुघली रेलवे स्टेशन, जो कि गोरखपुर-वाल्मिकीनगर खंड पर स्थित है, को जोड़ेगी। इसकी लम्बाई 52.7 किमी है तथा स्वीकृत लागत ₹958.27 करोड़ है। वर्तमान वित्त वर्ष में इस कार्य के लिए ₹20 करोड़ का आवंटन किया गया है।
इस नई रेल लाइन के निर्माण से हिमालय के तराई क्षेत्र में स्थित महराजगंज जनपद का विकास होगा तथा कृषि बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण लघु कृषि उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाइन महराजगंज के जिला मुख्यालय को भी जोड़ेगी।
वर्तमान में नेपाल सीमा से जुड़ा महराजगंज नगर रेल हेड से जुड़ा नहीं है। इस लाइन के बन जाने से उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को वाल्मिकी नगर एवं रक्सौल होते हुए पूर्वोत्तर के राज्यों को एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा तथा इसके बन जाने पर गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर यातायात का दबाव भी कम होगा।
ब्रॉडगेज की यह नई रेल लाइन विद्युतीकृत लाइन होगी। जिसका लाभ हिमालय की तलहटी में स्थित इस क्षेत्र के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल तक के लोगों को मिलेगा। इसमें कुल 09 बड़े एवं 14 छोटे पुल बनाए जाएंगे।
इस रेल लाइन के निर्माण के लिए 191.059 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। इसमें कुल 07 स्टेशन होंगे, जिसमें से आनन्दनगर, महराजगंज एवं घुघली क्रासिंग स्टेशन होंगे तथा 04 हॉल्ट स्टेशन बनाए जाएंगे।
गोण्डा से पनियहवां वाया आनन्दनगर, गोरखपुर, गोरखपुर कैंट, घुघली होते हुए इसकी कुल दूरी 307 किमी है। इस नई रेल लाइन के बन जाने से यह दूरी 265 किमी रह जाएगी। गोरखपुर के बाईपास हो जाने से यात्रा समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।