वाराणसी मंडल द्वारा ऑन बोर्ड लिनेन वितरण कर्मियों के ड्रेस कोड में परिवर्तन
गोरखपुर ब्यूरो: यात्री प्रधान पूर्वोत्तर रेलवे अपने उपभोक्ताओं/यात्रियों को सुविधाजनक एवं आरामदायक यात्रा अनुभव कराने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। इस क्रम में वाराणसी मंडल के बनारस, छपरा एवं मऊ स्टेशनों के कोचिंग डिपो के सभी रेकों में 15 मई, 2023 के अनुबन्ध के अनुसार नया ऑन बोर्ड लिनेन वितरण (#OBLD) शुरू कर दिया गया है।
इससे पूर्व यात्रियों को ऑन बोर्ड लिनेन वितरण स्टाफ एवं अन्य सेवाएं जैसे- ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (#OBHS), वातानुकूलन (#AC) मैकेनिक कर्मियों के बीच पहचान करने में समस्या हो रही थी।
इस सम्बन्ध में ‘रेल मदद‘ पोर्टल के माध्यम से बड़ी संख्या में शिकायतें एवं सुझाव प्राप्त हो रहे थे। तदनुरूप रेल प्रशासन द्वारा एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों के ड्रेस कोड में परिवर्तन किया गया है।
- नये ड्रेस कोड के अनुसार ऑन बोर्ड लिनेन वितरण कर्मियों को नीले रंग की ड्रेस तथा उच्च दृश्यता वाली नारंगी जैकेट प्रदान की जाएगी। जैकेट पर बेडरोल एवं एसी लेबल अंकित होगा।
- इस नई व्यवस्था में आगमन एवं प्रस्थान दोनों स्टेशनों पर ऑन बोर्ड लिनेन वितरण कर्मचारियों की ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (#GPS) कैमरा द्वारा उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
- इस नई व्यवस्था से ट्रेन में यात्री सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा।
- वाराणसी मंडल में इस नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इस सुविधा पर मिले फीडबैक के आधार पर आगे अन्य कोचिंग डिपो में भी इस प्रकार की व्यवस्था लागू की जा सकती है।
सुश्री स्वास्तिका मिश्रा को मिला मेंटेनेंस एंड इंटेलिजेंस असेट्स मैनेजमेंट पुरस्कार
गोरखपुर: मेंटेनेंस एंड इंटेलिजेंस असेट्स मैनेजमेंट और इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद (गुजरात) द्वारा आयोजित तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पूर्वोत्तर रेलवे, मुख्यालय, गोरखपुर में उप मुख्य संरक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत डा. अभ्युदय की पुत्री एवं नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दिल्ली में मेकेनिकल इंजीनियरिंग की छात्रा सुश्री स्वास्तिका मिश्रा का रेलवे दुर्घटना राहत ट्रेनों को पूर्वोत्तर पर न्यूनतम समय में चिकित्सा सहायता प्रदान करने एवं न्यूनतम समय में जीवन रक्षक चिकित्सा उपलब्ध कराने पर शोध के लिए सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार के रूप में ₹21000/- नकद एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ।
यह पुरस्कार स्टेट-ऑफ दी आर्ट पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं को इंटेलिजेंट एसेट प्रबंधन के क्षेत्र में मौलिक अप्रकाशित कार्य और मूल योगदान हेतु दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा आईआईटी-खड़गपुर के डीन प्रोफेसर खनिंद्र पाठक ने की और रूरल प्रबंधन संस्थान, आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष डॉ उमाकांत दास ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया।