भ्रष्टाचार रोकना केवल सतर्कता विभाग की नहीं, बल्कि सभी लोकसेवकों की जिम्मेदारी है! -डी.के.सिंह
दूसरों को गलत करने से रोकने से पहले हमें स्वयं को सही रखना होगा! -जे.पी.पांडेय
भ्रष्टाचार हमारे समाज की बहुत गंभीर समस्या है, हम सभी चाहते हैं कि भ्रष्टाचार दूर हो, पर हम सब यह दूसरों से ही चाहते हैं, हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी भौतिक लालसा को नियंत्रित कर अपने दायित्वों का निर्वाह भली-भांति करें!
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वाेत्तर रेलवे पर 31 अक्टूबर से 6 नवम्बर, 2022 तक मनाए गए सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत 4 नवंबर, 2022 को जे.पी. पांडेय, कुलपति, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के मुख्य आतिथ्य में रेलवे अधिकारी क्लब, गोरखपुर में “भ्रष्टाचार मुक्त भारत-विकसित भारत” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का शुभारम्भ कुलपति जे.पी. पांडेय, विभाग प्रमुखों और आमंत्रित विशिष्ट अतिथि वक्ता पूर्व प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी तथा मुख्य वक्ता, प्रख्यात शिक्षाविद एवं लेखक डॉ अशोक जाह्नवी प्रसाद, बोर्ड ऑफ गवर्नर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर ने सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर सतर्कता विभाग की पत्रिका ‘शुचि दर्पण’ के 32वें संस्करण का विमोचन किया। संगोष्ठी में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक डी.के. सिंह, विभाग प्रमुख, सतर्कता एवं अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कुलपति जे.पी. पांडेय ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारे समाज की बड़ी समस्या है। हम सभी चाहते हैं कि भ्रष्टाचार दूर हो जाए, पर हम सब यह दूसरों से ही चाहते हैं। इस संबंध में हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने आपको सुदृढ़ करें, अपने दायित्वों का निर्वहन भली-भांति करें। अपने कार्यक्षेत्र में बाह्य प्रपत्रों का सही से अध्ययन करें एवं स्मार्ट कार्यप्रणाली द्वारा कार्यों को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए सतत प्रयासरत रहें।
श्री पांडेय ने कहा कि नई तकनीकों के माध्यम से भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को चाहिए कि जहां भी गलत हो रहा है, उसे रोकें, पर ऐसा करने से पहले हमें खुद को सही रखना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी समाज के एक अंग है, हम सभी मिलकर बदलाव लाना चाहेंगे तभी भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकेगा।
वरिष्ठ उप महाप्रबंधक डी. के. सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार का निवारण केवल सतर्कता विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, अपितु सभी लोक सेवकों की जिम्मेदारी है। भय या डंडे के जोर से लोगों को ईमानदार बना पाना मुश्किल कार्य है। ईमानदारी स्वतः स्फूर्त होनी चाहिए। सतर्कता संगठन निष्ठापूर्वक कार्य करने एवं कराने हेतु प्रेरित करता है, न कि उसमें बाधा पहुंचाता है।
उन्होंने विभिन्न इंडेक्स में भारत की स्थिति का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कम से कम समय में जांच कर मामलों को बंद करने की आवश्यकता है, देरी से कार्य होने पर भ्रष्टाचार का उदय होता है। नई-नई तकनीकों का प्रयोग करके कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सकती है। रेलकर्मी कार्यक्षेत्र में सत्यनिष्ठा के साथ कार्य करें जिससे भ्रष्टाचार को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए सत्यनिष्ठा आवश्यक है, जो आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होती है।
आमंत्रित मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ अशोक जाह्नवी प्रसाद ने कहा कि हम लोग भ्रष्टाचार को नजरंदाज करके उसे बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। भ्रष्ट कार्यों के प्रति उदासीनता भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। उदासीनता के बाद भ्रष्टाचार के प्रति स्वीकार्यता आ जाती है। हम गलत कार्यों का विरोध नहीं करते तो हम भी उसके भागी माने जाते हैं। केवल सामाजिक समर्थन से ही भ्रष्टाचार रोका जा सकता है, केवल कानून बनाकर हम इसे नहीं रोक सकते।
श्री प्रसाद ने कहा कि सामाजिक शिक्षा से भी भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी शक्तियों को जान लें तो भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। उनका कहना था कि अपने अंदर आत्मविश्वास को प्रबल कर परिस्थितियों से सामना करना चाहिए, न कि उससे भागना चाहिये। हम सभी को मिलकर भ्रष्टाचार रोकने के लिए आगे बढ़ना होगा।
पूर्व प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की। उन्होंने भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए आवश्यक सुधारों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने सूचना प्रोद्यौगिकी के गहन प्रयोग, जनता में जागरूकता, विशेष अदालतों के गठन, नियमों का सरलीकरण, निर्णय प्रक्रिया को आसान करने, रोजगार को बढ़ावा देने, लोक सेवकों के लिए नीति-निदेशक स्पष्ट होने पर विशेष बल दिया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए विभिन्न नैतिक सिद्धांतों के आपस में जुड़ाव हेतु सिद्धांतों के अनुकूल आचरण करना चाहिए।
प्रमुख वित्त सलाहकार श्रीमती प्रीति झा, मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ बी. एन. चौधरी एवं मुख्य इंजीनियर/ब्रिज आर. के. बाजपेयी ने ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत-विकसित भारत’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में भ्रष्टाचार से बचाव एवं रोकथाम तथा दैनिक कार्य प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए उप मुख्य सर्तकता अधिकारी/इंजीनियरिंग भारत भूषण ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करने एवं सतर्कता के क्षेत्र में जन-जागृति बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष पूरे देश में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि ‘शुचि दर्पण’ पत्रिका में सतर्कता संबंधी जानकारियों को कहानी, कविता, निबन्ध, लेख एवं सूक्तियों के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास किया गया है। उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/यातायात जय प्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
फोटो परिचय (ऊपर): पूर्वाेत्तर रेलवे सतर्कता विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में ‘शुचि दर्पण’ पत्रिका का विमोचन करते हुए जे.पी. पांडेय, कुलपति, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर। साथ में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक डी.के.सिंह, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण।
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