स्वच्छता और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्रालय का “विशेष अभियान 2.0”
रेल मंत्रालय ने 1 नवंबर, 2022 से सभी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को डिजिटल करके और ई-ऑफिस सिस्टम के माध्यम से फाइल वर्क को पूरी तरह से पेपरलेस वर्किंग में बदलने का फैसला किया है!
स्वच्छता पखवाड़ा की सफलता से उत्साहित होकर रेल मंत्रालय से प्राप्त निर्देशानुसार सभी जोनल रेलों द्वारा “विशेष स्वच्छता अभियान 2.0” के रूप में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य बेहतर कार्य-संस्कृति के माध्यम से काम करने के सभी क्षेत्रों में स्वच्छता और सुशासन को बढ़ावा देना है।
इस विशेष अभियान 2.0 हेतु रेल मंत्रालय ने देश भर में भारतीय रेल की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने कामकाज के सभी क्षेत्रों में अपने लिए व्यापक दायरा निर्धारित किया है। इसी क्रम में सभी जोनल रेलों और मंडलों द्वारा अपने सभी स्टेशनों पर स्वच्छता अभियान जारी रखा है। स्टेशनों की मशीनीकृत सफाई पर विशेष जोर दिया गया है। ट्रेनों और स्टेशनों की सफाई और प्लास्टिक और अन्य कचरे के संग्रह और सुरक्षित निपटान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
वीआईपी/एमपी/एमएलए संदर्भों और संसदीय, राज्य सरकार/पीएमओ संदर्भों सहित लंबित मामलों के निपटान में ऊपर से नीचे तक के सभी कर्मचारी तैयार हैं और समर्पित होकर स्वच्छता अभियान में जुटे हैं तथा शीघ्रता से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
इस अभियान के दौरान कई अन्य पहल भी की गई हैं जिनमें ऑनलाइन प्रसंस्करण और वीआईपी (एमपी/एमएलए) संदर्भों और संसदीय संदर्भों के निपटान के लिए आईटी अनुप्रयोगों का विकास शामिल है।
वीआईपी संदर्भों की निगरानी के लिए स्वदेशी रूप से विकसित आईटी अप्लिकेशन में संदर्भ के पंजीकरण (अपलोडिंग), यूनिट/अधिकारी (अधिकारियों को चिह्नित/भेजना), उनसे उत्तरों की प्राप्ति, संबंधित इकाई द्वारा प्रसंस्करण के साथ-साथ जारी किए जाने वाले उत्तरों को प्रस्तुत करने जैसी विभिन्न विशेषताएं शामिल हैं।
यह प्रणाली संबंधित अधिकारियों को ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से साप्ताहिक अलर्ट भी देती है। मंत्री/अधिकारी केवल एक बटन के क्लिक से विशेष जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित संदर्भों का अवलोकन कर सकते हैं तथा उनके प्रत्युत्तर जनप्रतिनिधियों को अवलोकित भी करा सकते हैं।
संसदीय संदर्भों की वास्तविक समय निगरानी से संबंधित एक अन्य मॉड्यूल भी इसी तर्ज पर विकसित किया गया है, जिसमें वीआईपी संदर्भों की निगरानी के लिए बनाए गए एमआईएस की सभी विशेषताएं हैं।
इसके अलावा, लोक शिकायतों की निगरानी ‘रेल मदद पोर्टल’ के माध्यम से भी की जाती है, जो शिकायतों का वास्तविक समय पर निवारण और लंबित शिकायतों की ऑनलाइन निगरानी और इन शिकायतों के निपटान की सुविधा प्रदान करती है।
रेल मंत्रालय ने 1 नवंबर, 2022 से सभी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को डिजिटल करके और ई-ऑफिस सिस्टम के माध्यम से फाइल वर्क को पूरी तरह से पेपरलेस वर्किंग में बदलने का भी फैसला किया है।
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