“क्विक वाटरिंग सिस्टम” के उपयोग से रुका गाड़ियों का अनावश्यक विलंब और बरबाद होने से बचा पानी
गोरखपुर ब्यूरो: रेल प्रशासन द्वारा रेलयात्रियों और सर्वसामान्य जनता की सुविधा एवं परिचालनिक सुगमता हेतु नित नई तकनीकी का उपयोग करते हुए अनेक कार्य किए जा रहे हैं।
ग्रीष्मकाल में गाड़ियों में पानी की उपलब्धता शीघ्र एवं कम समय में सुनिश्चित करने हेतु पूर्वोत्तर रेलवे पर आधुनिक “क्विक कोच वाटरिंग सिस्टम” उपयोग में लाया जा रहा है। इसके माध्यम से 24 कोच के रेक में मात्र पांच से छह मिनट में पूरी तरह पानी भरने का कार्य पूरा कर लिया जा रहा है।
“क्विक वाटरिंग सिस्टम” से गाड़ियों में पानी भरने का विवरण – जैसे पानी की उपलब्धता, पानी का प्रेशर, पानी की मात्रा, पानी की खपत, पानी का फ्लो, पानी भरी जाने वाले गाड़ी का नंबर आदि एक ही स्क्रीन पर देखी जा सकती है। जिस पर वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम मानिटरिंग के लिए उपलब्ध रहते हैं।
इस सिस्टम से गाड़ियों में कम समय में पानी भर दिए जाने के कारण गाड़ियों का विलम्बन नहीं होता है तथा यात्रियों को कोच में पानी की उपलब्धता से यात्री संतुष्टि बनी रहती है। क्विक वाटरिंग सिस्टम से पानी को बर्बादी से भी बचाया जा सकता है तथा इसमें मानव श्रम भी बहुत कम लगता है।
इस सिस्टम में कोई खराबी आने पर इसे मैनुअली भी चलाया जा सकता है। आवश्यकतानुसार इसके पम्प की क्षमता बढ़ाई जा सकती है तथा इसका प्रेशर मेंटेन रहता है।
पूर्व में एक साथ कई कोचों एवं ट्रेनों में पानी भरने में ज्यादा समय लगता था। क्विक वाटरिंग सिस्टम से इस समस्या से निजात मिल रही है। यह सिस्टम न्यूनतम रख-रखाव वाला तथा पर्यावरण अनुकूल भी है।
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