वर्षों से क्यों अटका पड़ा है झांसी-कानपुर रेलखंड का दोहरीकरण!
डीआरएम/झांसी ने किया डबरा-आंतरी निर्माणाधीन तीसरी लाइन का निरीक्षण
प्रयागराज ब्यूरो: मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आशुतोष द्वारा 1 जून को झांसी मंडल के अंतर्गत डबरा-आंतरी रेलखंड के बीच लगभग 20 किमी की निर्माणाधीन तीसरी लाइन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के अंतर्गत डीआरएम ने सभी संस्थापनाओं, ट्रैक, पॉइंट्स, ओएचई, सिग्नल आदि का गहन निरीक्षण किया।
डीआरएम ने उक्त खंड पर चल रहे तीसरी लाइन के इस कनेक्टिविटी कार्य सहित सभी आवश्यकताओं को समय सीमा के अंदर पूरा किए जाने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि इस खंड पर 10.06.22 को नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य भी प्रस्तावित है।
यह कार्य मथुरा-झांसी रेलखंड के मध्य तीसरी लाइन प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जा रहा है। इसके बाद यह खंड तिहरीकृत हो जाएगा और यात्रियों को यात्रा में और भी सुगमता तथा ट्रेनों के समय पालन में वृद्धि होगी।
उल्लेखनीय है झांसी मंडल में तीसरी लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसके अंतर्गत अभी तक ग्वालियर-बानमोर (19 किमी), झांसी-बबीना (25 किमी) तथा ललितपुर-बिजरौठा रेलखंड पर तीसरी लाइन पर रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया जा चुका है।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष एवं मुख्य प्रोजेक्ट प्रबंधक एस. के. मिश्रा के साथ सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
झांसी मंडल, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा बड़े पैमाने पर बुनियादी ढ़ांचागत विकास कार्य किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में यह विचारणीय है कि झांसी-कानपुर के बीच दोहरीकरण का काम वर्षों से अटका पड़ा हुआ है, तथापि इस कार्य को पूरा करने की कोई प्राथमिकता रेल प्रशासन के डैस बोर्ड पर है, ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। जबकि इस रेलखंड के दोहरीकरण की मांग वर्षों से की जा रही है।
ऐसा लगता है कि इस कार्य के लिए स्थानीय सांसद, विधायक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी शायद कम जागरूक हैं, इसी का लाभ रेल प्रशासन को मिल रहा है। तथापि इस रेलखंड के दोहरीकरण की आवश्यकता से इंकार नहीं किया जा सकता है। रेल प्रशासन को इसे प्राथमिकता में लेकर इसका दोहरीकरण जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।