January 31, 2022

अप्रेंटिस किए हुए अभ्यर्थियों को निर्धारित भर्ती प्रक्रिया का पालन करना होगा -रेलवे

अप्रेंटिस किए हुए अभ्यर्थियों को 20 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति हेतु वरीयता दी जाएगी

गोरखपुर ब्यूरो: एक्ट अप्रेंटिस के तहत भारतीय रेल 1963 से निर्दिष्ट ट्रेड्स में अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इन अभ्यर्थियों को उनकी शैक्षिक योग्यता एवं मेरिट के आधार पर बिना किसी प्रतियोगिता या चयन के अप्रेंटिस के रूप में लिया जाता है।

रेलवे द्वारा इन अभ्यर्थियों को वेल्डर, फिटर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन इत्यादि श्रेणियों में प्रशिक्षित किया जाता है।

अप्रेंटिस एक्ट में वर्ष 2014 में संशोधन किया गया था, जिसमें अधिनियम की धारा-22 मेें प्रावधान किया गया कि एक नियोक्ता अपने प्रतिष्ठान में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं (ट्रेंड अप्रेंटिस) की नियुक्ति के लिए एक नीति तैयार करेगा।

इस संशोधन के अनुपालन में भारतीय रेल ने रेलवे प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं (ट्रेंड अप्रेंटिस) को लेवल-1 के विज्ञापित पदों के 20 प्रतिशत पदों पर खुली भर्ती प्रक्रिया में वरीयता देने का प्रावधान किया है।

अप्रेंटिस किए हुए अभ्यर्थी अन्य आवेदकों के साथ लिखित परीक्षा में सम्मिलित होते हैं तो उन्हें नियुक्ति में अन्य आवेदकों पर वरीयता दी जाती है। नियुक्ति में वरीयता में प्राप्त करने हेतु अप्रेंटिस किए अभ्यर्थियों को न्यूनतम अर्हक अंक तथा चिकित्सा मानकों को पूरा करना होता है।

भारतीय रेल में चल रहे कायाकल्प को देखते हुए और सभी भर्तियों को न्यायसंगत, पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से करने के लिए वर्ष 2017 से लेवल-1 की सभी भर्तियों को केंद्रीयकृत कर दिया गया है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर कम्प्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के माध्यम से किया गया है।

तद्नुसार रेल मंत्रालय के केंद्रीयकृत रोजगार सूचना सं. 02/2018 के तहत विज्ञापित 63,202 पदों में से 12,504 लेवल-1 के पदों को वर्ष 2018 में आयोजित केंद्रीयकृत भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों के लिए चिन्हित किया गया था।

इसी प्रकार केंद्रीय रोजगार सूचना-आरआरसी 01/2019 के तहत विज्ञापित 1,03,769 पदों, जिनके लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की जानी है, में से लेवल-1 के 20,734 पदों को ऐसे अभ्यर्थियों (अप्रेंटिस) के लिए चिन्हित किया गया है।

निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सभी अप्रेंटिस किए हुए अभ्यर्थियों को निर्धारित भर्ती प्रक्रिया अर्थात् लिखित परीक्षा एवं चिकित्सा मानकों को पूरा करना होगा। हाँलाकि 20 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति हेतु उन्हें वरीयता दी जाएगी।