“पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान ऑफ मल्टी माॅडल कनेक्टविटी” विषय पर पूर्वी क्षेत्र सम्मेलन संपन्न
पटना ब्यूरो: महेंद्रूघाट रेल परिसर, पटना में शुक्रवार, 7 जनवरी, 2022 को “पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान ऑफ मल्टी माॅडल कनेक्टविटी” विषय पर आधारित पूर्वी क्षेत्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का शुभारम्भ बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
यह सम्मेलन रेल मंत्रालय एवं बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। सम्मेलन में बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिनिधि एवं पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं पूर्व तट रेलवे के प्रतिनिधि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए। इसके अलावा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन इस सम्मेलन में अपनी सहभागिता दी।
इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद एवं उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणू देवी, रेलवे बोर्ड के अधिकारीगण वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े, जबकि नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री/बिहार, पूर्वोत्तर रेलवे एवं पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा एवं वरिष्ठ रेल अधिकारी आयोजन स्थल महेंदूघाट, पटना में उपस्थित थे।
पूर्वोत्तर रेलवे एवं पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह हर्ष की बात है कि पीएम गति शक्ति योजना के अंतर्गत पटना में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि भारत देश की आधारभूत संरचनाओं के बहुआयामी स्वरूप एवं उनके समेकित, त्वरित तथा निर्बाध विकास के लिए भारतीय रेल का आज का यह सम्मेलन पूर्वी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु सशक्त एवं सार्थक कदम है।
इस सम्मेलन में आधारभूत संरचना जैसे कि रेल रोड एवं वाटर-वे के मल्टी माडल कनेक्टिविटी के विषय पर विचार-विमर्श हुआ। सम्मेलन में ऑनलाइन मोड से बिहार, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्यों, विभिन्न क्षेत्रीय रेलों आदि के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्यों, मंत्रालयों तथा विभागों में चल रही परियोजनाओं एवं आगामी परियोजनाओं के समेकित क्रियान्वयन हेतु गहन चर्चा की गई।
पीएम गति शक्ति मास्टर प्लाइन को भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस अप्लिकेशन एंड जियो इन फाॅरमैटिक्स (बीआईएएसएजी-एन) द्वारा एक गतिशील भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्लेटफार्म तैयार किया गया, जिसमें मंत्रालयों की विशिष्ट कार्ययोजना पर डेटा को बैक-अप डेटाबेस में शामिल किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार के मंत्रालयों में विभागों के वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों के साथ बीआईएएसएजी टीम द्वारा एक ही मंच पर उपस्थित/नियोजित परियोजनाओं पर डेटा को एकीकृत करने के उद्देश्य में क्षमता निर्माण अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।
पीएम गति शक्ति योजना एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो बुनियादी ढ़ांचे के विकास, कनेक्टविटी, परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे और सड़क मार्ग मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाएगा।
न्यू इंडिया के प्रमुख स्तम्भ जैसे भारतमाला, सागरमाला, अन्तर्देशीय जलमार्ग, उड़ान, बंदरगाहों आदि जैसे विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढ़ांचा योजनाओं को एकीकृत करते हुए कनेक्टविटी में सुधार व्यवसाय को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे।
बेहतर कनेक्टविटी से तेज आर्थिक विकास की अवधारणा के साथ रेल, रोड, बंदरगाह एवं एयरपोर्ट आदि के एकीकरण, संग्रह और व्यापार नियोजन, कार्यान्वयन में तेजी तथा लागत में कमी से अत्याधुनिक आधारभूत संरचना को प्रोत्साहन मिलेगा।
1. व्यापकता: एक केंद्रीयकृत पोर्टल के साथ विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सभी मौजूदा और नियोजित पहल शामिल होंगे। इसके तहत अब प्रत्येक विभागों और उनकी गतिविधियों, परियोजनाओं की जानकारी तथा निष्पादन के दौरान महत्वपूर्ण डेटा आदि पारदर्शी होंगे।
2. प्राथमिकता: विभिन्न विभाग क्राॅस सेक्टोरल इंटरएक्शन के माध्यम से अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने में सक्षम होंगे।
3. अनुकूलन: परियोजनाओं की योजना बनाने में विभिन्न मंत्रालयों की सहायता करेगा। एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल के परिवहन के लिए योजना, समय और लागत के मामले में सबसे ईष्टतम मार्ग चुनने में मदद करेगी।
4. सुसंगतता: परियोजना के नियोजन एवं क्रियान्वयन में बेहतर तालमेल के साथ विभाग की गतिविधियों के साथ-साथ शासन में विभिन्न स्तरों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
5. विश्लेषणात्मकता: यह योजना जीआईएस आधारित स्थानिक योजना और 200$ स्तरों वाले विश्लेषणात्मक उपकरणों के साथ एक ही स्थान पर सम्पूर्ण डेटा प्रदान करेगी, जिससे निष्पादन एजेंसी को बेहतर दृष्यता प्राप्त होगी।
6. गतिशीलता: सभी केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय मंत्रालय और विभाग, अब जीआईएस प्लेटफार्म के माध्यम से क्रास-सेक्टोरल परियोजनाओं की प्रगति, समीक्षा और निगरानी करने में सक्षम होंगे। मास्टर प्लान को बढ़ाने और अद्यतन करने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों की पहचान करने में भी यह मदद करेगा।
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