दिल्ली मंडल ने 2.48 मिलियन टन माल ढ़ुलाई का बनाया रिकॉर्ड
दिल्ली मंडल, उत्तर रेलवे ने 2.48 मिलियन टन माल की ढ़ुलाई करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) द्वारा व्यापारियों एवं कंपनियों के साथ लगातार संवाद स्थापित करके यह लक्ष्य हासिल किया गया है।
दिल्ली मंडल ने अब तक की सर्वाधिक माल ढ़ुलाई 2.48 मिलियन टन का रिकॉर्ड बनाया है, जो पहले के मुकाबले 31.91% अधिक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिसंबर 2021 के दौरान दिल्ली मंडल ने मिशन मोड पर अब तक का सबसे अधिक माल लदान दर्ज किया है।
मंडल रेल प्रबंधक, डिंपी गर्ग ने कहा कि दिसंबर 2021 में दिल्ली मंडल की माल ढ़ुलाई 2.48 मिलियन टन रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 31.91% अधिक है। इससे पहले दिसंबर 2020 में 1.88 मिलियन टन की माल लदान हुई थी।
दिल्ली मंडल द्वारा पिछले महीने परिवहन की गई महत्वपूर्ण वस्तुओं में 0.96 मिलियन टन खाद्यान्न शामिल हैं। वहीं 0.58 मिलियन टन खनिज तेल, 0.72 मिलियन टन कंटेनरीकृत माल, 0.02 मिलियन टन उर्वरक और साथ ही 0.19 मिलियन टन विविध वस्तुएं (चीनी, ऑटोमोबाइल, सीमेंट आदि) रही हैं। इस माल ढ़ुलाई से दिल्ली मंडल ने 320.69 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है. जो कि अब तक का सर्वाधिक है।
उल्लेखनीय है कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे ने इस साल माल ढ़ुलाई से अधिक से अधिक नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया है। इसके मद्देनजर रेलवे ने बीते साल दिसंबर में ही एक के ऊपर एक, तीन कंटेनरों पर मालगाड़ी से सामान ढ़ोने की शुरूआत की।
इससे रेलवे को मालगाड़ी की गति बढ़ाने में मदद मिल रही है। यह ट्रिपल कंटेनर मालगाड़ियां खासतौर पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चलाई जा रही हैं, ताकि सामान सही समय पर गंतव्य तक पहुंच सके। इन माल गाड़ियों के लिए ये छोटे कंटेनर विशेष रूप से छोटे उद्यमियों, व्यापारियों एवं किसानों के उपयोग को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2019-20 में रेलवे को 26 हजार 338 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इतिहास में पहली बार रेलवे को इतना बड़ा घाटा हुआ है. इसी घाटे की पूर्ती माल ढ़ुलाई के इन तमाम उपायों से उत्तर रेलवे ने दिसंबर 2021 में रिकॉर्ड माल ढ़ुलाई की है।
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