मुंबई मंडल, मध्य रेलवे द्वारा किया गया लोको इंस्पेक्टर्स वर्कशॉप का सफल आयोजन

मध्य रेलवे, मुंबई मंडल के मंडल रेल प्रबंधक शलभ गोयल के मार्गदर्शन में अपर मंडल रेल प्रबंधक सबर्बन एच. जी. तिवारी के नेतृत्व में सोमवार, 9 सितंबर 2021 को सीएसएमटी ऑडिटोरियम में मुंबई मंडल के सभी लोको इंस्पेक्टर्स की एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

वर्कशॉप में एडीआरएम/सबर्बन, सीनियर डीईई/ऑपरेशन, डीईई/ऑपरेशन, एईई/ऑपरेशन, एईई/सबर्बन, सीनियर डीएमई, एएमई तथा सीनियर डीएसटीई इत्यादि सभी संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

लोको इंस्पेक्टरों के साथ मुंबई मंडल द्वारा शायद पहली बार ऐसी कोई वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें उनके साथ बैठकर अधिकारियों ने मंडल में होने वाली स्पेड की घटनाओं के मुख्य कारणों को समझा और उनको कम करने के सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया।

यह वर्कशॉप सुबह लगभग 11:30 बजे शुरू होकर 3:30 बजे समाप्त हुआ। इसमें मुंबई मंडल में होने वाली सिग्नल पासिंग (स्पेड) की घटनाओं पर विस्तृत तथा गहन चर्चा की गई। लोको इंस्पेक्टरों के माध्यम से इस मौके पर बहुत से उपयोगी सुझाव सामने आए।

वर्कशॉप में लोको निरीक्षकों द्वारा अपने जमीनी अनुभव के आधार पर अनेकों बहुमूल्य सुझाव दिए गए। इन सुझावों को एडीआरएम सहित सभी मंडल अधिकारियों ने सराहा और उन्हें नोट डाउन करते हुए उन्होंने संबंधित इंप्रूवमेंट करने की तत्परता भी दर्शाई।

इन सुझावों में मुख्यत: यार्डों में होने वाले शंटिंग मूवमेंट की कमियां उजागर की हुईं। चालकों द्वारा किन परिस्थितियों में सिग्नल पासिंग की घटनाएं होती हैं, इस पर अध्ययन-मनन किया गया।

मुंबई डिवीजन की भोगौलिक स्थिति, संकरे गलियारे के रूप में कई-कई लाइनें, उनके कई-कई सिग्नल, जहां कहीं यार्ड आते हैं उनके सिग्नल, स्टेशन सीमाओं में आने पर मिलने वाले क्रॉस ओवर पर लगे अनेकों सिग्नल, ओएचई स्ट्रक्चर द्वारा बाधित सिग्नल, कम ऊंचाई पर लगाए गए सिग्नल, जो कि विरुद्ध दिशा से आने वाली गाड़ी से ढ़ंक जाते हैं, इत्यादि प्रकार के सिग्नलों की वास्तविक समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।

इस मौके पर यह महत्वपूर्ण तथ्य भी सामने आया कि मुंबई मंडल में अनेक लाइनें हैं, जिन पर मोटरमैन या ड्राइवर लगातार नहीं जाते हैं, अथवा एक लंबे समय के बाद जाते हैं, जिसके कारण भी दुर्घटना होने का अंदेशा बढ़ जाता है।

प्रत्येक लाइन के सिग्नल को जीएंडएसआर में विनिर्दिष्ट फ्लोरोसेंट पट्टियों के माध्यम से अलग-अलग लाइन के लिए आईडेंटिफाई करना आदि पर भी गहन चर्चा की गई।

इस मौके पर एक बार फिर मुंबई सबर्बन में वर्तमान में प्रत्येक 400 मीटर पर लगे हुए सिग्नलों पर भी प्रश्नचिन्ह लगा, क्योंकि अभी पंद्रह डिब्बों की लोकल सहित सभी मेल/एक्स. गाड़ियां काफी लंबी चल रही हैं।

एडीआरएम/सबर्बन एच. जी. तिवारी ने अपने संबोधन में आज के अत्यंत उपयोगी तथा बहुमूल्य सुझावों वाले इस वर्कशॉप पर अत्यंत हर्ष व्यक्त किया।

वर्कशॉप में बड़ी संख्या में उपस्थित लोको इंस्पेक्टर

उन्होंने कहा कि इस तरह की उपयोगी मंत्रणा समय-समय पर होती रहनी चाहिए, जिससे कि हम मंडल में और भी सुधार कर सकें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वाशिंद-कसारा के बीच में प्रत्येक डिस्टेंट सिगनल पर मैग्नेट लगाई जाएगी, जिससे एडब्ल्यूएस आने वाले सिग्नल को भांप लेगा और चालक को अपनी गाड़ी रोकने में सुविधा होगी।

उन्होंने शंटिंग मेला आयोजित करने पर भी जोर दिया। इस अवसर पर एडीआरएम ने लोको इंस्पेक्टरों द्वारा की जा रही मेहनत तथा सूझबूझ की भी सराहना की और सभी उपस्थित लोको इंस्पेक्टरों का धन्यवाद करते हुए वर्कशॉप का समापन किया।

#CentralRailway #MumbaiDivision #LocoInspectorsWorkshop #IndianRailway