टुंडला जं. रेलवे स्टेशन पर अराजकता का वातावरण
सीआईटी/टुंडला को फंसाने के षड्यंत्र में दो टीटीई गिरफ्तार
टुंडला जंक्शन पर तीन-तीन गजटेड अधिकारियों को बैठाने का औचित्य क्या है?
#PRO/मीडिया सेल, जीआरपी आगरा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दि. 5/6-08-2021 को रेलवे के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो जीआरपी थाना टुंडला जंक्शन, आगरा अनुभाग के संज्ञान में आया, जिसमें एक महिला यात्री वैष्णवी (काल्पनिक नाम) के द्वारा वीडियो में सीआईटी भूरसिंह मीना के ऊपर बदसलूकी करने, टिकिट फाड़ने और हाथ पकड़कर बैठाने जैसे आरोप लगाए गए थे। वीडियो के संज्ञान में आने के बाद टुंडला रेल प्रशासन तथा जीआरपी टुंडला द्वारा इस प्रकरण की अलग-अलग गंभीरता से जांच की गई।
दो षड्यंत्री टीटीई की हस्तक बनी झूठी महिला का झूठा बयान
#GRP की जांच में CIT/टुंडला पर लगे आरोप असत्य पाए गए।
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) August 8, 2021
जांच के दौरान पता चला कि टुंडला जं.पर तैनात #TTE कुलदीप कुमार एवं TTE दुर्गेश सिंह द्वारा वर्तमान #CIT को बदनाम करने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया,जिसमें महिला के माध्यम से CIT पर झूठे आरोप लगवाए गए।@RailMinIndia@spgrpagra pic.twitter.com/VbsLh5GFLl
जांच के दौरान यह तथ्य सामने में आया कि 5 अगस्त 2021 को उक्त महिला टुंडला रेलवे स्टेशन पर आई थी। महिला ने सीआईटी भूरसिंह मीना को रसीद (ईएफटी) दिखाकर अपना कोच/सीट नं. बताने का आग्रह किया था, जिस पर ईएफटी रसीद देखने के बाद सीआईटी द्वारा उक्त महिला को बताया गया कि उसकी टिकट ट्रेन सं. 02311 नेताजी एक्स. की है, जो टुंडला से दिल्ली तक यात्रा की है। उसकी ट्रेन समय 17.00 बजे प्लेटफार्म नं. 4 पर आएगी। इसके बाद वह महिला वहां से चली गयी थी।
रेल प्रशासन एवं जीआरपी टुंडला की अलग-अलग जांचों में सीआईटी भूरसिंह मीना पर लगे आरोप असत्य पाए गए। साथ ही जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने में आया कि टुंडला जंक्शन पर नियुक्त टीटीई कुलदीप कुमार एवं टीटीई दुर्गेश सिंह द्वारा अपने व्हाट्सएप नंबरों से वर्तमान सीआईटी भूरसिंह मीना को बदनाम करने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया, जिसमें उक्त महिला के माध्यम से वर्तमान सीआईटी पर झूठे आरोप लगवाए गए।
इन्ही दोनों टीटीई दुर्गेश सिंह और कुलदीप कुमार तथा पूर्व सीटीआई डी. के. दीक्षित उर्फ देवेंद्र कुमार दीक्षित टुंडला जं. द्वारा महिला वैष्णवी से सीआईटी भूरसिंह मीना पर झूठे आरोप लगाने और बदनाम करने हेतु वीडियो जारी किया गया था। व्हाट्सएप, मैसेंजर एवं ट्विटर हैंडल के माध्यम से मैसेज कर झूठे आरोप लगाने हेतु सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया। यह सब इन दोनों के आपसी व्हाट्सएप चैट/मैसेजेज से प्रमाणित हुआ है।
उपरोक्त प्रकरण में रेलवे तथा जीआरपी टुंडला की जांच में इन तीनों, डिप्टी सीटीआई कुलदीप कुमार, टीटीई दुर्गेश सिंह और पूर्व सीटीआई डी. के. दीक्षित द्वारा महिला वैष्णवी से वर्तमान सीआईटी भूरसिंह मीना पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने के आरोप सही पाए गए।
इस संदर्भ में सीआईटी भूरसिंह मीना द्वारा एक शिकायत पत्र थाना जीआऱपी टुंडला को दिया गया। जिसके आधार पर थाना जीआरपी टुंडला पर 1- महिला वैष्णवी, 2- पूर्व सीआईटी डीके दीक्षित उर्फ देवेंद्र कुमार दीक्षित, 3- टीटीई कुलदीप कुमार पुत्र रामपाल सिंह निवासी शिवनगर थाने के पीछे टुंडला जिला फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन टुंडला जं. 4- टीटीई दुर्गेश सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी विजयनगर खागा फतेहपुर के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है।
पंजीकृत अभियोग: मुकदमा अपराध संख्या – 11/2021, धारा 193, 120बी, 500 भादवि, थाना जीआरपी टुंडला जंक्शन
गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम/पता: 1. टीटीई कुलदीप कुमार पुत्र रामपाल सिंह निवासी शिवनगर थाने के पीछे टुंडला जिला फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन टुंडला। 2. टीटीई दुर्गेश सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी विजय नगर खागा फतेहपुर हाल नियुक्ति रेलवे स्टेशन टुंडला जं.
वांछित अभियुक्तों का नाम/पता: 1. वैष्णवी, पता अज्ञात, 2. पूर्व सीआईटी डी. के. दीक्षित उर्फ देवेंद्र कुमार दीक्षित, रेलवे स्टेशन टुंडला जंक्शन।
गिरफ्तारी दिनांक/स्थान: दिनांक 08.08.2021, टुंडला जंक्शन रेलवे स्टेशन
पूछताछ का विवरण: पूछताछ में गिरफ्तार दोनों टीटीई कुलदीप एवं दुर्गेश सिंह ने पुलिस को बताया कि साहब डी.के.दीक्षित पूर्व में टुंडला जं. पर सीआईटी के पद पर नियुक्त थे। उनको किन्हीं कारणवश लॉकडाउन के समय सीआईटी पद से हटा दिया गया था। वह पुनः सीआईटी बनना चाहते थे, लेकिन कुछ दिन पहले वर्तमान सीआईटी भूरसिंह मीना द्वारा हम लोगों के खिलाफ एक जांच की रिपोर्ट रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित गई थी, जिसके आधार पर हमें दण्डित किया गया था।
दोनों अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि पूर्व सीआईटी डी.के. दीक्षित के कहने और अपना बदला लेने तथा भूरसिंह मीणा को फंसाने के लिए हमने षड्यंत्र कर उक्त महिला को यात्री बनाकर टुंडला जं. रेलवे स्टेशन पर भेजा था। उक्त महिला द्वारा वर्तमान सीआईटी भूरसिहं मीणा पर उपरोक्त झूठे आरोप लगाए गए। साहब हमसे गलती हो गई है, हम भविष्य में इस प्रकार की गलती दुबारा नहीं करेंगे।
उपरोक्त दोनों शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक रईस अहमद, कांस्टेबल मुकेश कुमार कुंतल, कांस्टेबल उपेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल रवि गौतम और हेड कांस्टेबल श्याम सिंह थाना जीआरपी टुंडला जंक्शन शामिल थे।
टुंडला जंक्शन पर अराजकता का वातावरण
रेलकर्मियों के अनुसार टुंडला जंक्शन पर संपूर्ण अराजकता का वातावरण है। स्थानीय रेल प्रशासन इस अराजकता को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि डी. के. दीक्षित, पूर्व सीआईटी, टूंडला इससे पहले भी ऐसी ही साजिशों के लिए बदनाम रहा है और अनेकों खामियों के कारण उसे टुंडला जंक्शन के सीआईटी पद से हटा दिया गया था लेकिन मंडल के कुछ अधिकारियों के संरक्षण के कारण उसे टुंडला से आजतक रिलीव नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पहले ही टुंडला जंक्शन पर कार्यरत कुछ वाणिज्य कर्मचारियों ने सीएमआई/टुंडला एस. के. मीणा के साथ उनके कार्यालय में घुसकर गाली-गलौज करने के साथ ही मारपीट का प्रयास भी किया था। इसके साथ उन्हें देख लेने की धमकी भी दी थी। इस घटना का एक वीडियो भी बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
स्थानीय रेल प्रशासन ने तो पहले ही मामला रफा-दफा कर दिया था, परंतु पीसीसीएम के संज्ञान में लाए जाने के बाद भी दोषी कर्मचारियों को न तो वहां से हटाया गया और न ही उनके विरुद्ध कोई यथोचित कार्रवाई की गई। अगर एक छोटे से रेलवे जंक्शन अथवा सेक्शन में इस तरह की घटनाएं और षड्यंत्र हो रहे हैं और अनुशासनहीनता का वातावरण व्याप्त है, तब वहां तीन-तीन गजटेड अधिकारियों को बैठाए जाने का औचित्य क्या है?
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