December 31, 2020

होर्डिंग का जुर्माना वसूलने में फेल हुआ मध्य रेलवे का मुंबई मंडल

Central Railway Head Quarters, Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus, Mumbai.

रेलवे से चीटिंग करने वाली फर्मों और एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ रेल अधिकारी इन्हें बचाने को कोशिश करते हैं

रेलवे परिसर में होर्डिंग लगाने के लिए रेलवे द्वारा विज्ञापन एजेंसियों, फर्मों आदि को अनुमति दी जाती है, निर्धारित जगह और निर्धारित स्पेस आवंटित किया जाता है।

इसका उल्लंघन कर अतिरिक्त जगह का उपयोग करने के मामले में मेसर्स लक्ष्य मीडिया लिमिटेड से शत-प्रतिशत जुर्माना वसूलने में मुंबई मंडल, मध्य रेलवे के फेल हुआ है।

इसकी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मंडल से मांगी थी। उनको भेजे गए जबाब से स्पष्ट है कि कुल जुर्माना 1.91 करोड़ रुपए में से 78.24 लाख रुपए वसूले गए हैं और 1.13 करोड़ रुपए अब भी बकाया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता ने मुंबई मंडल, मध्य रेलवे से जानकारी मांगी थी कि गत 5 वर्ष में निर्धारित जगह से अधिक जगह का इस्तेमाल करने वाली होर्डिंग कंपनियों पर क्या कार्रवाई की गई और कितना जुर्माना वसूला गया?

इसके जवाब में मुंबई मंडल, मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक गौरव झा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान मेसर्स लक्ष्य मीडिया लिमिटेड को अधिक जगह इस्तेमाल करता पाया गया।

फर्म को कुल 27600 वर्ग फुट की जगह आवंटित की गई थी, जबकि कंपनी ने आवंटित जगह के अलावा 2000 वर्ग फुट अधिक जगह का इस्तेमाल किया था।

जवाब में बताया गया कि इस मामले में 1.91 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। कंपनी ने अब तक सिर्फ 78.24 लाख रुपए अदा किए हैं और 1.13 करोड़ रुपए उस पर अभी भी बकाया है।

जवाब में बकाया राशि के संबंध में कहा गया है कि कंपनी की 5.75 करोड़ का सिक्योरिटी डिपॉजिट इसी ठेके को लेकर उनके पास है और भायखला आरओबी का 65.73 लाख रुपए की सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा है।

कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के सवाल पर रेलवे का कहना था कि टेंडर के मुताबिक अधिक जगह का इस्तेमाल करने पर ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान नहीं है, सिर्फ जुर्माना लगाया जा सकता है।

अनिल गलगली के अनुसार यह तो सिर्फ एक मामला है। ऐसे न जाने कितने मामलों में रेलवे को राजस्व का चूना लगाया गया होगा?

उनका कहना है कि रेलवे से चीटिंग करने वाली फर्मों और एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ रेल अधिकारी इन्हें बचाने को कोशिश करते हैं। अन्यथा शत-प्रतिशत जुर्माना वसूलने के अलावा अन्य कोई कारण नहीं होना चाहिए।

उन्होंने इस संबंध में रेलमंत्री पीयूष गोयल, चेयरमैन, रेलवे बोर्ड और मध्य रेलवे के महाप्रबंधक संजीव मित्तल को पत्र लिखकर इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने और मामले में लापरवाही बरतने वाले रेल अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है।