September 6, 2020

माटुंगा कारखाना प्रशासन की अक्षम्य लापरवाही: एक और कर्मचारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत

रेलकर्मी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की खबर मिलते ही दुर्घटना स्थल और माटुंगा कारखाने का दौरा करने पहुंचे कॉम. वेणु पी. नायर, जनरल सेक्रेटरी/एनआरएमयू और अन्य पदाधिकारी।

यूनियन ने कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने हेतु महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा

गत वर्ष 11 जनवरी 2019 को भी ऐसी ही दुर्घटना में चली गई थी एक अन्य कर्मचारी की जान

मुंबई : माटुंगा कारखाना, मध्य रेलवे के ईएमयू पीओएच विभाग में कारखाना प्रशासन की संरक्षा संबंधी अक्षम्य लापरवाही के कारण एक और कर्मचारी की बिजली का झटका लगने से तत्काल मौत हो गई। 24 अगस्त को घटित इस घटना में एक खलासी मो. नबी हनीफ शेख जब कीचड़ भरी पिट लाइन में कोच के नीचे नट-बोल्ट टाइट कर रहा था, तभी गलत लाइन का पावर ऑफ करने के कारण बिजली का तेज झटका लगने से उसकी तत्काल मौके पर ही मौत हो गई।

नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन (एनआरएमयू) ने घटना को गंभीरता से लेते हुए माटुंगा कारखाना ईएमयू पीओएच प्रशासन की संरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही की कड़ी निंदा की है। यूनियन ने इस जानलेवा दुर्घटना की ओर महाप्रबंधक, मध्य रेलवे का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें एक युवा कर्मठ कर्मचारी हनीफ शेख की कार्य के दौरान हुई मौत पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और इसकी विस्तृत जांच करके कार्यस्थल पर कर्मचारियों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि माटुंगा कारखाना ईएमयू पीओएच प्रशासन की ऐसी ही सुरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही के चलते 11 जनवरी 2019 को भी “पॉवर ब्लॉक या वर्क परमिट” लेने के बावजूद “गलत लाइन का पॉवर ऑफ करने” के कारण अशोक कुशवाहा का 25 केवी सप्लाई से बिजली का तीव्र झटका लगने से जान चली गई थी। लेकिन माटुंगा कारखाना ईएमयू पीओएच प्रशासन ने तब भी कोई ठोस सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए। प्रशासन की इस लापरवाही से पुनः एक और निर्दोष कर्मचारी की जान चली गई।

एनआरएमयू के पदाधिकारी माटुंगा क्लीनिक से लेकर सायन हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम तक मौजूद रहे, किंतु माटुंगा कारखाना प्रशासन की ओर से उनके साथ कोई औपचारिक बात नहीं की गई और न ही उन्हें दुर्घटना का ब्यौरा दिया गया। फिर भी एनआरएमयू के पदाधिकारी संयम रखकर प्रशासन का सहयोग करते रहे। यूनियन ने माटुंगा कारखाना प्रशासन के ऐसे अवांछित रवैये के प्रति अपना आक्रोश भी जीएम से व्यक्त किया है।

इस जानलेवा दुर्घटना संबंधी ब्यौरा और तकनीकी लापरवाही की जानकारी के साथ ही यूनियन ने दुर्घटना के मूल कारण की ओर जीएम का ध्यानाकर्षित करते हुए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उनके समक्ष प्रस्तुत किए हैं-

ईएमयू पीओएच और पुनर्वशन के लिए माटुंगा में निरंतर बढ़ती ईएमयू गाड़ियों की संख्या और स्थानाभाव के कारण माटुंगा कारखाने की क्षमता से अतिरिक्त वर्क लोड के लिए सानपाड़ा में ईएमयू पीओएच कारखाना स्थापित करने की परियोजना शुरू की गई थी।

यूनियन द्वारा हर स्तर पर पुरजोर विरोध के बावजूद माटुंगा कारखाने के ईएमयू पीओएच संबंधी काम और कर्मचारियों को सानपाड़ा पीओएच कारखाना भेजने के लिए प्रशासनिक दबाव भय संस्कृति का रूप ले चुका है। इसके कारण माटुंगा कारखाने में ईएमयू पीओएच के लिए गाड़ियां नहीं दी जा रही हैं तथा सानपाड़ा ईएमयू पीओएच कारखाने से लगभग सभी कार्य ठेकेदारों को सौंप दिया गया है।

माटुंगा कारखाने में ईएमयू पीओएच कर्मचारियों से उनका काम छीनकर उन्हें एमएमईयू का कार्य उचित ट्रेनिंग, कौशल्य और संसाधनों के बिना और संरक्षा की अनदेखी करते हुए जबरन कराया जा रहा है, जिसके कारण 24.8.2020 को मो. हनीफ शेख की कार्य के दौरान बिजली का तीव्र झटका लगने से जान चली गई।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में यूनियन बिना किसी पूर्वाग्रह के संबंधित शॉप के कर्मचारियों/प्रत्यक्षदर्शियों से यूनियन को प्राप्त जानकारी के आधार पर 24 अगस्त 2020 को घटित जानलेवा दुर्घटना और लापरवाही की संक्षिप्त जानकारी निम्नवत है –

माटुंगा कारखाने में एमईएमयू पीओएच का कार्य उचित ट्रेनिंग, कौशल्य और संसाधनों के बिना कराया जा रहा है और ईएमयू पीओएच प्रशासन कोविद के कारण सही संख्या में सक्षम कर्मचारियों की उपलब्धता नहीं होने के बावजूद एसएसई और कर्मचारियों पर अवांछित दबाव बना रहा है।

दि. 24.8.2020 को एमईएमयू मोटर कोच 188061 की इक्युपिंग लाइन पर इक्युपिंग संबंधी कार्य संपादन के लिए खड़ा था। ध्यान देने योग्य बात है कि यह लाइन इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग के लिए नहीं है। फिर भी ईएमयू पीओएच प्रशासन द्वारा एसएसई पीओएच इलेक्ट्रिकल सेक्शन पर दबाव लाकर वहीं इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग के लिए मजबूर किया गया।

तदनुसार एसएसई पीओएच इलेक्ट्रिकल सेक्शन ने मो. नबी हनीफ शेख (अकुशल खलासी) सहित 3 कर्मचारियों को कांटेक्टर फिक्सिंग बोल्ट टाइट करने और फिटमेंट चेक करने का कार्य आबंटित किया गया था और वह निर्देशानुसार एमईएमयु मोटर कोच (188061) में इक्युपिंग लाइन पर कार्य कर रहा था। यहां संरक्षा का प्रश्न है क्योंकि हनीफ शेख एक अकुशल खलासी पद पर कार्यरत था।

इसके बाद दबाव के कारण एसएसई पीओएच इलेक्ट्रिकल सेक्शन 2 कर्मचारियों को लेकर उसी कोच पर वहीं इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग के लिए गया और जैसे ही टेस्टिंग चालू की गई, पानी और कीचड़युक्त पिट पर खड़े होकर कार्यरत हनीफ शेख को बिजली का तीव्र झटका लगा और तत्काल ऑन-स्पॉट उसकी जान चली गई। जबकि उसके साथ कार्यरत किंतु पिट के बाहर खड़े कर्मचारियों को भी बिजली का हलका झटका लगा।

ध्यान देने वाली बात यह है कि 10 दिन पहले 14 अगस्त 2020 को भी कार्यरत कर्मचारियों को वहां बिजली का झटका लग रहा था और कर्मचारियों ने उस गाड़ी पर उपस्थित जेई पीओएच इलेक्ट्रिकल से इसकी शिकायत भी की थी और इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग बंद नहीं करने पर एसएसई पीओएच इलेक्ट्रिकल सेक्शन को भी शिकायत दी गई थी, जिसके बाद इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग का कार्य बंद किया गया और अन्य सेक्शन के कर्मचारी कार्य संपादन कर सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को भी दी गई थी।

ईएमयू पीओएच प्रशासन का दायित्व था कि बिजली का झटका लगने का कारण पता करके और तत्काल ठोस सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने चाहिए थे किंतु दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा कुछ नहीं किया गया और पुनः एक निर्दोष कर्मचारी की जान चली गई।

उपरोक्त जानकारी देते हुए इस लापरवाही की पुनरावृति रोकने के लिए यूनियन ने महाप्रबंधक से इस दुर्घटना पर व्यक्तिगत संज्ञान लेने और उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया है। इस संबंध में यूनियन ने ज्ञापन में कुछ सुझाव भी महाप्रबंधक को दिए हैं, जो इस प्रकार हैं –

1. सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने और यथासमय उचित प्रशासनिक कदम उठाने में कोताही बरतने के लिए दोषी अधिकारी पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए, ताकि निर्दोष कर्मचारियों (स्व. अशोक कुशवाहा और स्व. मो. नबी हनीफ शेख) को न्याय मिले।

2. ईएमयू पीओएच माटुंगा कारखाना के कर्मचारियों की ऑपरेशनल और व्यक्तिगत संरक्षा सुनिश्चित की जाए।

3. माटुंगा कारखाने में एमईएमयू पीओएच कार्य बंद किया जाए और कर्मचारियों को उचित ट्रेनिंग, कौशल्य और संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता होने पर ही कार्य शुरू किया जाए।

4. माटुंगा कारखाने में कर्मचारियों को ईएमयू पीओएच और पुनर्वशन की गाड़ियां माटुंगा कारखाने में पर्याप्त मात्रा में दी जाएं।

5. सानपाड़ा में माटुंगा कारखाने के नियमित और यात्री संरक्षा से संबंधित मरम्मत कार्यों का ठेका रद्द किया जाए।

6. माटुंगा कारखाना ईएमयू पीओएच या अन्य कारखाना कर्मचारियों की सानपाड़ा में नियुक्ति या ट्रांसफर रद्द किया जाए और माटुंगा कारखाने में लगभग 2500 रिक्त पड़े पदों पर अविलंब भर्ती सुनिश्चित की जाए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार महाप्रबंधक के निर्देश पर घटना का विस्तृत ब्यौरा जानने और घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार, 3 सितंबर को पीसीएमई/म.रे. ने माटुंगा कारखाने का दौरा किया। इस मौके पर भी यूनियन ने पीसीएमई को कारखाने में संरक्षा के प्रति बरती जा रही गंभीर लापरवाही का मौका मुआयना करवाया और कर्मचारियों की ऑपरेशनल एवं व्यक्तिगत संरक्षा सुनिश्चित करवाने की मांग की।

कर्मचारियों ने दबी जुबान में यह भी बताया कि खलासी हनीफ शेख की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कारखाने के संबंधित अधिकारी द्वारा अपने उच्च संपर्कों से सायन अस्पताल के डॉक्टरों से मैनेज करवाकर उसकी मौत का का कारण हृदय गति रुकना (हार्ट अटैक) बताया गया है। हालांकि इस बात की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं की जा सकी है। तथापि यदि कर्मचारियों की इस बात में तनिक भी सच्चाई है तो यह एक अत्यंत गंभीर मामला है। रेल प्रशासन द्वारा इसका तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए।