April 7, 2019

भारतीय रेल विकास के पथ पर अग्रसर है -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने दिखाई वाराणसी-गाजीपुर-बलिया मेमू ट्रेन को हरी झंडी

गोरखपुर ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजातालाब के कचनार गांव में शनिवार, 14 जुलाई को आयोजित भव्य समारोह से पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के वाराणसी सिटी स्टेशन पर खड़ी विशेष गाड़ी सं. 65554 वाराणसी सिटी–गाजीपुर सिटी–बलिया मेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही उन्होंने वाराणसी सिटी-गाजीपुर सिटी–बलिया रेल खंड के विद्युतीकरण का लोकार्पण भी किया. समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा तथा सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय भी उपस्थित थे. इस अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल, वाराणसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक एस. के. झा सहित सभी विभाग प्रमुख, मुख्यालय एवं मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारी उपस्थित थे.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वाराणसी-गाजीपुर सिटी–बलिया रेल खंड का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो जाने के बाद यह रेल खंड विद्युत् कर्षण से तीव्र उपनगरीय सेवा के योग्य हो गया है. नियमित रूप से प्रतिदिन चलने वाली इस मेमू ट्रेन से बलिया और गाजीपुर से वाराणसी आने वाले यात्री सुबह ट्रेन पकड़कर वाराणसी आएंगे, दिनभर अपना काम करके शाम को इसी गाड़ी से वापस अपने घर शीघ्रता से पहुंच जाएंगे. यह मेमू ट्रेन एक्सलेरेशन एवं ब्रेकिंग तेज होने के करण कम से कम स्टापेज में अधिक गति पर चलाई जाती है, जिसके कारण डीजल इंजन की अपेक्षा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पहुंचने में कम समय लगता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेमू ट्रेन में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण डीजल इंजन की अपेक्षा काफी कम होता है. इसमें दोनों तरफ ड्राइविंग केबिन होने के करण कम से कम समय में दिशा बदलकर ट्रेन चलाई जा सकती है. इस गाड़ी में यात्रियों को बैठने के लिए बेहतर सीटें, प्रकाश एवं पंखों की व्यवस्था के साथ प्रसाधन का भी प्रावधान है. 9 कोचों की मेमू ट्रेन में लगभग 1800 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं. मेमू ट्रेन का ठहराव सभी स्टेशनों पर होने के कारण सर्वसामान्य ग्रामीण यात्रियों को भी बहुत सुविधा होगी और वे भी विकास के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे. इसी क्रम में प्रधानमंत्री द्वारा राजातालाब के कचनार मैदान में आयोजित समारोह से ही  राजातालाब में नवनिर्मित पेरिशेबल कार्गो केंद्र का लोकार्पण भी किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजातालाब में भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड द्वारा निर्मित इस पेरिशेबल कार्गो केंद्र का शिलान्यास भी मैंने किया था और आज लोकार्पण भी मैं ही कर रहा हूं, यह मेरा सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार, रेल मंत्रालय के अधीन भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड द्वारा यह कार्य सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत इस क्षेत्र के किसानों की सुविधा के लिए किया गया है. इसके बन जाने से अब इस क्षेत्र के किसानों को जल्दी खराब होने वाले अपने फल और सब्जियां जैसे आलू, मटर और टमाटर इत्यादि को अब नुकसान सहकर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी वे अपने फल एवं सब्जियां लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं, जिसे सही कीमत मिलने पर बेच सकेंगे.

उल्लेखनीय है कि 2500 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित इस पेरिशेबल कार्गो केंद्र के निर्माण पर लगभग पांच करोड़ रुपयों का व्यय हुआ है. 400 मीट्रिक टन की कुल भंडारण क्षमता वाले इस केंद्र में फल एवं सब्जियों की सार्टिंग एवं ग्रेडिंग की सुविधा भी है, जिससे स्थानीय किसानों द्वारा अधिक मात्रा में उपजाई जाने वाली सब्जियों के भंडारण की सुविधा मिलेगी. इस पेरिशेबल कार्गो के सड़क एवं रेल मार्ग के निकट होने के कारण किसान अपनी उपज आसानी से दूसरे बड़े शहरों में भेज सकेंगे. इसके साथ ही किसानों को कम दाम पर सब्जियों एवं फलों के भंडारण की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे जल्दी खराब होने वाली सब्जी एवं फलों को नष्ट होने से बचाया जा सकेगा.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय रेल विकास के पथ पर अग्रसर है. इसके लिए रेल पथ के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस क्रम में इलाहबाद-वाराणसी–छपरा रेल खंड के विद्युतीकरण के प्रथम चरण का कार्य वाराणसी-गाजीपुर-बलिया रेल खंड का विद्युतीकरण पूर्ण कर आज लोकार्पित किया गया है. इस परियोजना पर लगभग 250 करोड़ व्यय हुआ है. शेष दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का कार्य अगले चरण में रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा शीध्र पूरा कर लिया जाएगा. रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा सम्पादित की जा रही छपरा–वाराणसी–इलाहबाद दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण परियोजना पूर्वांचल के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा यह क्षेत्र के प्रमुख शहरों बलिया, गाजीपुर, वाराणसी एवं इलाहाबाद से गुजरती है.

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर यह रेल मार्ग दो प्रमुख विद्युतीकृत दिल्ली–हावड़ा तथा लखनऊ–कटिहार खंडों से सीधे जुड़ जाएगा और विद्युत् कर्षण से चलने वाली तीव्रगामी गाड़ियों का संचालन संभव हो सकेगा. इस खंड के विद्युतीकरण के फलस्वरूप कर्षण संबंधी व्यय में कमी आएगी और हाई स्पीड डीजल पर निर्भरता कम होगी, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी तथा रेल परिचालन सुगम, तीव्र एवं प्रदूषण रहित होगा.