वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए निचली बर्थ आवंटन की विशेष व्यवस्था

नई दिल्ली: रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए भारतीय रेल की इन पहलों को उजागर किया, जो वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए निचली बर्थों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं।

महत्वपूर्ण प्रावधान-वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए बर्थ: 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को, यदि वे बर्थ के बारे में कोई विशेष चयन नहीं करते हैं, तो स्वचालित रूप से निचली बर्थ आवंटित की जाती है, बशर्ते कि उपलब्धता हो।

निचली बर्थ के लिए आरक्षित कोटा:

  • स्लीपर क्लास में प्रति कोच 6-7 निचली बर्थ।
  • 3 एसी में प्रति कोच 4-5 निचली बर्थ।
  • 2 एसी में प्रति कोच 3-4 निचली बर्थ।

यह प्रावधान ट्रेनों में कोचों की संख्या के आधार पर लागू किया जाता है, ताकि यात्रियों को अधिकतम सुविधा मिल सके।

विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण: सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण कोटा लागू है, जिसमें राजधानी और शताबदी जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं। यह सुविधा उस समय भी लागू होती है, चाहे वे छूट का लाभ उठा रहे हों या नहीं।

  • स्लीपर क्लास में 4 बर्थ (2 निचली बर्थ सहित)।
  • 3 एसी/3ई में 4 बर्थ (2 निचली बर्थ सहित)।
  • रिजर्व सेकंड सिटिंग (2S) या एयर कंडीशंड चेयर कार (CC) में 4 सीटें।

यात्रा के दौरान निचली बर्थों का पुनः आवंटन: यात्रा के दौरान यदि कोई निचली बर्थ खाली रहती है, तो उन बर्थों को वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया जाता है, जिनको पहले मध्य या ऊपरी बर्थ आवंटित की गई हो।

भारतीय रेल इन समावेशी उपायों के माध्यम से यात्रियों को एक सहज और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्रियों को इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा कर सकें।