झाँसी मंडल: ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग की ऐतिहासिक उपलब्धि

प्रयागराज ब्यूरो: झाँसी मंडल ने रेलवे अवसंरचना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में 12 मार्च 2025 को सोनागिर-कोटरा-डबरा रेलखंड में ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली की कमीशनिंग का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।

इस ऐतिहासिक संस्थापन के साथ ही बसई-आंतरी स्टेशन के मध्य लगभग 120 किलोमीटर रेलखंड पर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली स्थापित हो गई है। इससे रेल परिचालन की क्षमता और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

इसी के साथ दो समपार फाटक संख्या 388 तथा 399 को भी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के साथ इंटरलॉक किया गया है, जिससे समपार फाटक पर अधिकतम संरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह संस्थापन अत्याधुनिक संरक्षा “कवच” प्रणाली के संस्थापन में भी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा।

झाँसी मंडल की ऐतिहासिक उपलब्धि: भारतीय रेल में पहली बार किसी मंडल ने एक वित्तीय वर्ष में 100 किलोमीटर से अधिक रेलखंड पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग की स्थापना कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

महत्वपूर्ण विशेषताएँ:

  • मुख्य रेल लाइन की संचालन क्षमता में वृद्धि
  • ट्रेनों की सुरक्षा और संचार प्रणाली में सुधार
  • आधुनिक तकनीक के माध्यम से निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित करना

झाँसी मंडल द्वारा किए गए इस कार्य से न केवल रेलवे की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रियों को भी अधिक सुरक्षित और सुगम रेल यात्रा का अनुभव प्राप्त होगा।

ललितपुर से फ्लाई ऐश लोडिंग की शुरुआत

झाँसी मंडल को होगी 70 करोड़ से अधिक की अतिरिक्त वार्षिक आय

प्रयागराज ब्यूरो: मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (फ्रेट) नीरज भटनागर के नेतृत्व में झाँसी मंडल में मालभाड़ा क्षेत्र में एक और उपलब्धि के क्रम में ललितपुर पॉवर कार्पोशन लिमिटेड अल्ट्राटेक द्वारा मालभाड़े से फ्लाई ऐश की लोडिंग प्रारंभ हो गई है, जिससे झाँसी मंडल को हर महीने लगभग ₹6 करोड़ और वार्षिक रूप से ₹70 से ₹72 करोड़ की अतिरिक्त माल भाड़ा अर्जित होगा।

यह लोडिंग रतलाम मंडल के चित्तौड़गढ़ के लिए प्रारंभ की गई है और प्रमुख सीमेंट निर्माता अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा की जा रही है। रेलवे द्वारा उद्योगों को कुशल और किफायती माल परिवहन उपलब्ध कराने के प्रयासों के तहत यह एक बड़ा कदम है। इस लोडिंग से हर महीने 35 से 40 रैक फ्लाई ऐश की ढुलाई होगी, जिससे भारतीय रेल की मालभाड़ा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

फ्लाई ऐश का उपयोग सीमेंट निर्माण, सड़क निर्माण एवं अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में किया जाता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने कहा, “झाँसी मंडल माल ढुलाई में नए अवसर तलाश रहा है, और फ्लाई ऐश लोडिंग इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे न केवल रेलवे की आय में वृद्धि होगी, बल्कि हरित परिवहन को भी बढ़ावा मिलेगा।”

उन्होंने कहा कि रेलवे इस प्रकार की पहल के माध्यम से उद्योगों को सुरक्षित, सुलभ और किफायती माल परिवहन प्रदान कर रहा है, जिससे भारतीय रेल की मालभाड़ा सेवाएँ और अधिक मजबूत होंगी।

झाँसी-बीना खंड में दोहरी डिटेक्शन प्रणाली की स्थापना

प्रयागराज ब्यूरो: मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में झांसी मंडल के झाँसी-बीना खंड में जीरोन स्टेशन पर 28.02.2025 को दोहरी डिटेक्शन (Dual Detection) प्रणाली के लिए मौजूदा ट्रैक के समानांतर #MSDAC (Multi Section Digital Axle Counter) की सफल स्थापना की गई है। यह कार्य अप दिशा लूप, डाउन दिशा लूप, लूप लाइन साइडिंग तथा रस्टी रेल ट्रैक पर किया गया है।

स्थापना टीम, झाँसी मंडल

इस प्रणाली की स्थापना से ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता में बढ़त होगी। यह तकनीक सटीक ट्रेन पहचान सुनिश्चित करती है और रेल परिचालन में संभावित त्रुटियों को कम करती है।

इस महत्वपूर्ण कार्य में वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेलिकॉम इंजीनियर विष्णु गुप्ता, सहायक मंडल सिग्नल एवं टेलिकॉम इंजीनियर मनोज कुमार, वरिष्ठ खंड इंजीनियर अजय कुमार सहित सिग्नल एवं परिचालन विभाग के पर्यवेक्षक तथा कर्मचारियों के सहयोग से झाँसी-बीना सेक्शन में इस तकनीक के सफल कार्यान्वयन से ट्रैक की निगरानी और रखरखाव में भी सुधार होगा।

झांसी मंडल प्रशासन रेल यात्रियों की सुरक्षा, आधारभूत अवसंरचनाओं के उच्चीकरण और सुविधाओं में निरंतर बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।