आपसी साझेदारी बढ़ाने के लिए इरिसेट और एमएमएमयूटी ने किया एमओयू
गोरखपुर ब्यूरो: भारतीय रेल सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान (#IRISET), सिकंदराबाद ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (#MMMUT) के साथ समझौता ज्ञापन (#MoU) पर हस्ताक्षर करके शैक्षणिक-उद्योग सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एमओयू पर इरिसेट के महानिदेशक शरद कुमार श्रीवास्तव और एमएमएमयूटी के कुलपति जे. पी. सैनी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार पाण्डेय, मुख्य दूरसंचार इंजीनियर/नियोजन नीलाभ महेश, वरिष्ठ प्रोफेसर (सिग्नल) ‘इरिसेट‘ सिकंदराबाद गौरव गोविल, उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर/मुख्यालय मुज़म्मिल जमाल के अतिरिक्त एमएमएमयूटी के अन्य वरिष्ठ प्रोफेसर उपस्थित थे।
भारतीय रेल सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद 1957 में रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित सिग्नलिंग और दूरसंचार में रेल अधिकारियों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। संस्थान अपने कौशल-उन्मुख संकाय विकास कार्यक्रमों, सिग्नल और दूरसंचार पर औद्योगिक प्रशिक्षण और स्वदेशी स्वचालित ट्रेन संरक्षण (आईएटीपी) प्रणाली में विशेषज्ञता-जिसे कवच के नाम से जाना जाता है, में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है।
एमओयू के माध्यम से यह साझेदारी एमएमएमयूटी के छात्रों और संकाय को इरिसेट की उन्नत सुविधाओं और प्रशिक्षण संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगी जो कि रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम, विशेष रूप से कवच प्रणाली में छात्रों की समझ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे उन्हें परिवहन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से युक्त किया जा सकेगा।
फोटो परिचय: हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के साथ इरिसेट के महानिदेशक शरद कुमार श्रीवास्तव तथा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति जे. पी. सैनी। साथ में पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार पाण्डेय एवं वरिष्ठ अधिकारी।