March 25, 2023

पूर्वोत्तर रेलवे, इज्जतनगर मंडल का बहुचर्चित फर्जी पेमेंट घोटाला

विजिलेंस एडवाइस को ताक पर रख एडीआरएम राजीव अग्रवाल के इशारे पर हो रहे हैं भुगतान

केवल अजय कंस्ट्रक्शन के लिए बदल गया नियम, बैनिंग ऑफ बिजनेस के बावजूद किया गया करोड़ों का भुगतान

गोरखपुर ब्यूरो: एक बड़ा आदमी भ्रष्टता की हद कर दे, तो सारे नियम-कानून उसके सामने बौने बन जाते हैं या बना दिए जाते हैं। अजय अग्रवाल – केवल एक नाम – जिसे भ्रष्टाचार का जनक कहा जाए तो गलत नहीं होगा। एक ही नाम का फायदा उठाकर अजय कंस्ट्रक्शन को गलत टेंडर दिया गया।

इस मामले में करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया। मामले में विजिलेंस की जांच के बाद टेंडर निरस्त किए गए। बैन लगने के बाद भी मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन को भुगतान किया जा रहा है।

अब तक किए गए पेमेंट्स का विवरण

इन तारीखों में मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन को किया गया भुगतान

6 दिसंबर, 2022 को ₹13225671/-
6 दिसंबर, 2022 को ₹2525836/-
28 दिसंबर, 2022 को ₹88424/-
29 दिसंबर, 2022 को ₹3175585/-
23 जनवरी, 2023 को ₹4011815/-
09 फरवरी, 2023 को ₹2703799/-
15 फरवरी, 2023 को ₹767474/-
22 फरवरी, 2023 को ₹1457773/-
28 फरवरी, 2023 को ₹3165020/-
28 फरवरी, 2023 को ₹2755785/-

नाम एक होने का उठाया फायदा, हथिया लिया टेंडर

अजय कुमार अग्रवाल पुत्र स्व. नरेन्द्र देव गुप्ता निवासी राजेंद्र नगर थाना प्रेमनगर, जिला बरेली ने मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन नाम से एक फर्म बनाई। उनकी फर्म में उनके ही नाम के अजय अग्रवाल पुत्र स्व. द्वारिकाधीश अग्रवाल निवासी सी-594, पटेल नगर, थाना प्रेमनगर, जिला बरेली पार्टनर बने थे और वे अजय के रिश्तेदार भी हैं।

अजय कुमार अग्रवाल पुत्र स्व. नरेंद्र देव गुप्ता ने 10.11.2017 में फर्म से रिटायरमेंट ले लिया और उनका कोई संबंध मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन से नहीं रहा। हिसाब न होने के कारण रकम वापस नहीं ले सके।

इसके बाद अजय कुमार अग्रवाल के सम-नाम का फायदा उठाकर आरोपी अजय अग्रवाल पुत्र स्व. द्वारिकाधीश अग्रवाल ने धोखाधड़ी करते हुए वर्ष 2018 में मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन की पुरानी पार्टनरशिप डीड 01.04.2016 लगाकर रेलवे के करोड़ों रुपये के कई टेंडर ले लिए। ये टेंडर पूर्वोत्तर रेलवे विजिलेंस की जांच के बाद निरस्त किए गए।

उल्लेखनीय है कि यह वही फर्म अजय कंस्ट्रक्शन है जिसने पुरानी पार्टनरशिप डीड लगाकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया है।

अजय अग्रवाल ने फर्म की पुरानी पार्टनरशिप डीड लगाकर तीन नए टेंडर ले लिया। रेलवे की ओर से फर्म से नई डीड मांगने पर टेंडर के साथ बेईमानी और धोखाधड़ी करके फर्जी शपथ पत्र तथा मेमोरंडम तैयार करके फर्म अजय कंस्ट्रक्शन ने दे दिया और करोड़ों के टेंडर ले लिया।

पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर की विजिलेंस टीम ने जांच में पाया कि प्रार्थी के रिटायरमेंट के बावजूद इन्हें शामिल करते हुए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनाकर आरोपी अजय अग्रवाल ने जो मेमोरंडम तैयार किया उस मेमोरेंडम पर प्रार्थी के वास्तविक हस्ताक्षर नहीं है। उसमें राहुल गोस्वामी एवं दीपक कुमार शुक्ला को गवाह दर्शाया गया है जो फर्म अजय कंस्ट्रक्शन में ही नौकरी करते हैं। आरोपियों ने मिलकर फर्जी मेमोरेंडम बनाया था।

फर्म को बदनाम करने के लिए आरोपी अजय अग्रवाल, दीपक शुक्ला एवं राहुल गोस्वामी ने जालसाजी एवं धोखाधड़ी कर कूटरचित अभिलेख तैयार किए। अजय कुमार अग्रवाल पुत्र स्व. नरेंद्र देव गुप्ता ने जब आरोपी अजय अग्रवाल से आपत्ति जताई तो उसने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर डीएम कंपाउंड के सामने उन पर हमला कर दिया। इन दो अन्य साथियों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज किया गया है। क्रमशः जारी..