June 11, 2021

आज तक नहीं किया गया कटरा में टीटीई रेस्ट हाउस का इंतजाम, इधर-उधर भटकने को मजबूर चेकिंग स्टाफ

डीआरएम ने निकाल दिया मौज-मस्ती में अपना कार्यकाल, हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं मुख्यालय के वाणिज्य अधिकारी

सुरेश त्रिपाठी

फिरोजपुर: श्री वैष्णव देवी कटरा रेलवे स्टेशन पर कोई टीटीई रेस्ट हाउस नहीं है। जबकि इस स्टेशन को बने हुए और चालू हुए कई वर्ष बीत चुके हैं।

भारतीय रेल के अधिकांश अधिकारियों का श्री वैष्णव देवी के दर्शन लाभ के लिए यहां अक्सर आना-जाना लगा रहता है। तथापि आज तक उनका ध्यान इस एक बड़ी समस्या और आवश्यक व्यवस्था की तरफ क्यों नहीं गया, यह आश्चर्य की बात है।

अधिकारियों ने अपने ठहरने के लगभग सभी आलीशान इंतजाम वहां किए हैं। मगर अर्निंग स्टाफ की कोई यथोचित व्यवस्था आज तक नहीं की गई है।

विभिन्न मंडलों से गाड़ियां लेकर कटरा आने वाले टीटीई के लिए ठहरने के जो इंतजाम किए गए हैं, वहां बेड होता है, तो बेडशीट नहीं होती, साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं होता, और इतनी गर्मी में एसी तो बहुत दूर की बात है, कूलर तक का कोई इंतजाम नहीं है।

डीआरएम/फिरोजपुर ने अपना दो साल का कार्यकाल पूरी अय्याशी, मौज-मस्ती और मनमानी करते हुए निकाल दिया। इसके अलावा दो साल में यहां उन्होंने तीन सीनियर डीसीएम बदलवा दिया, जिससे कमर्शियल स्टाफ का कोई माई-बाप ही नहीं रहा, वह अपनी समस्या कहें तो किससे जाकर कहें!

स्टाफ का कहना है कि मंडल में कई फालतू और अनुपयोगी काम कराए गए, परंतु टीटीई के लिए जो आवश्यक और मानक कार्य किया जाना चाहिए था, वह नहीं कराया गया।

इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि आज जब कुछ ही गाड़ियां चल रही हैं और बहुत थोड़ा स्टाफ वहां पहुंचता है, जब उसके लिए ही व्यवस्था कम पड़ रही है, तो जब सभी गाड़ियां चलेंगी, और ज्यादा स्टाफ वहां पहुंचेगा, तब तो उसके सामने प्लेटफार्म पर डेरा डालने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होगा।

इस सबके साथ उत्तर रेलवे मुख्यालय बड़ौदा हाउस में हाथ पर हाथ धरे बैठे संबंधित वाणिज्य अधिकारियों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे न सिर्फ अर्निंग बटोरने के लिए ही वाणिज्य स्टाफ को झोंकें, बल्कि उनकी आवश्यकताओं और आवश्यक सुविधाओं का भी बंदोबस्त करने-कराने की पहल करें।

अब जहां तक बात आती है मान्यताप्राप्त संगठनों और उनके पदाधिकारियों की, जो कि खुद को रेलवे का तथाकथित स्टेकहोल्डर और रेलकर्मियों का ठेकेदार मानते हैं, वे अपनी आत्मा गिरवी रख चुके हैं। ऐसे में उनके बारे में कुछ न ही कहा जाए, तो शायद अच्छा है, क्योंकि मृत अथवा मृतप्राय लोगों के बारे में कुछ बुरा कहने की भारतीय परम्परा नहीं है!

#NorthernRailway #GMNRly #DRMFZR #IndianRailway #RailMinIndia #PiyushGoyal #RailwayBoard #RailwayAdministration