जिसे निज देश, निज भाषा और निज गौरव का अभिमान नहीं! वह नर नहीं, नरपशु निरा, और मृतक समान है!!

“काबिलियत” नहीं – “योग्यता”। “इंसान” नहीं – “आदमी”, “मनुष्य”। “इंसानियत” नहीं – “मानवता”, “मानवीयता” सुरेश…

यदि एक बार में महंगाई भत्ता देने में मुश्किलें आ रहीं हैं तो इसे किश्तों में भी दिया जा सकता है -शिवगोपाल मिश्रा

महंगाई भत्ता: थोड़ी लंबी हो सकती है केंद्रीय कर्मियों की प्रतीक्षा, डीए पर होने वाली…