औद्योगिक अशांति को बढ़ावा देने वाला बजट

बजट से सरकारी कर्मचारियों को घोर निराशा -शिवगोपाल मिश्रा, जीएस/एआईआरएफ

नई दिल्ली : ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री एवं नेशनल काउंसिल/जेसीएम कर्मचारी पक्ष के सचिव कॉम. शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी, 2018 को संसद में पेश किए गए सामान्य बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है. इससे सरकारी कर्मचारियों एवं रेल कर्मचारियों सहित समस्त श्रमिक वर्ग को कोई फायदा नहीं होगा.

कॉम. मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार के वर्ष 2018-19 हेतु पेश बजट, मेहनतकश रेल कर्मचारी वर्ग के लिए घोर निराशाजनक है, जिसमें कर्मचारियों के कल्याण हेतु कोई योजना नहीं है तथा व्यक्तिगत आयकर में राहत देने के बजाय इस बजट में शिक्षा-चिकित्सा में एक प्रतिशत सेस लगाकर उन्हें चूना लगाया गया है. स्थाई रोजगार एवं सामजिक सुरक्षा को तिलांजलि देते हुए बजट के माध्यम से सभी क्षेत्रों में ‘फिक्सड टर्म एम्प्लॉयमेंट’ की घोषणा की गई है, जो सरकारी कर्मचारियों के शोषण को नया आयाम देगी.

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उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी उत्पादन इकाईयों को समाप्त करने की नीति को आगे बढ़ाते हुए दो नए रक्षा उत्पादन गलियारों की घोषणा की गई है, जो निजी क्षेत्र एवं शत-प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश आधारित होंगे. कॉम. मिश्रा का कहना है कि बजट में कर्मचारी वर्ग, जो छोटी बचत द्वारा ‘लंबी अवधि के कैपिटल गेंस’ टैक्स में धन लगा देता था, उस पर भी 10 प्रतिशत टैक्स लगाकर भारत सरकार ने उन्हें हताश किया है.

कॉम. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इस दिखावी बजट से रेल कर्मचारियों के साथ-साथ सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी पूरी तरह निराश हैं. भारतीय रेल की 65,000 रूट किलोमीटर रेल लाइनों में से 36,000 किलोमीटर रेल लाइनों का नवीनीकरण, मानवरहित लेवल क्रासिंग समाप्त करने, रेलवे सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने और 600 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने जैसी घोषणाएं विगत कई वर्षों से की जा रही हैं. तथापि, इन सभी मदों में अब तक कोई उल्लेखनीय प्रगति देखने को नहीं मिली है.

उनका कहना है कि भारतीय रेल के लिए इस बजट में घोषित धनापूर्ति के लिए बाजार का सहारा हमेशा की तरह पूरा नहीं होगा और रेल की रफ्तार धीमी रहेगी. दूसरी ओर अगर यह पूरा भी हो जाए, तो इतने भारी कर्ज का बोझ भारतीय रेल उठाते-उठाते बैठ जाएगी. परंतु धरातल पर कुछ प्राप्त नहीं होगा. संक्षेंप में कहा जाए, तो रेल कर्मचारियों को रेल बजट समाप्त किए जाने के बाद लगातार इस दूसरे वर्ष भी घोर निराशा हुई है. न्यूनतम वेतन, फिटमेंट फॉर्मूला में सुधार और एनपीएस की जगह निर्धारित पेंशन/फेमिली पेंशन जैसी ज्वलंत समस्याओं पर भारत सरकार का उदासीन रवैया औद्योगिक अशांति को बढ़ावा देने वाला है.


मांगें पूरी न होने पर युवा रेलकर्मियों में भारी आक्रोश

जन-जागरण सप्ताह में एआईआरएफ से संबद्ध सभी जोनल रेल संगठनों की सक्रिय भागीदारी

नई दिल्ली : ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के आह्वान पर 29 जनवरी से 2 फरवरी, 2018 तक पूरे देश में सघन जन-जागरण सप्ताह पूरे जोर शोर से मनाया गया. इस जन-जागरण सप्ताह में एआईआरएफ से संबद्ध सभी जोनल रेलों और उत्पादन इकाईयों के संगठनों ने पूरी सक्रियता से भागीदारी की तथा जन-जागरण सप्ताह के अंतिम दिन 2 फरवरी को सभी मंडलों और जोनल मुख्यालयों पर विशाल जनसभाओं का आयोजन करके सक्षम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए.

इन जनसभाओं में निम्नलिखित मांगों को पूरा करने की मांग की गई-

1. एनपीएस में गारंटेड पेंशन अविलंब लागू की जाए

2. न्यूनतम वेतन एवं फिटमेंट फॉर्मूले में प्रस्तावित वांछित सुधार अविलंब लागू किए जाएं. इसके साथ ही 1 जनवरी, 2016 से एरियर का भुगतान भी किया जाए.

3. रनिंग कर्मचारियों के वेतनमान किलोमीटर अलाउंस एवं अन्य  भत्तों में तत्काल सुधार किया जाए और एरियर का भुगतान भी करवाया जाए.

4. तकनीकी कर्मचारियों एवं अधीनस्थ इंजीनियरों के वेतनमान में चिर-प्रतीक्षित सुधार शीघ्र किया जाए.

5. ट्रैक मेंटेनर्स के चार ग्रेड स्ट्रक्चर के साथ बनी सहमति के अनुसार 50:20:20:10 के अनुपात में निर्णय की तारीख से अविलंब लागू किए जाएं.

6. वर्दी भत्ते के भुगतान की दर बाजार भाव के अनुरूप सुनिश्चित की जाए.

7. मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं एसएंडटी विभाग के जो कर्मचारी एस्कॉर्ट ड्यूटी पर लगाए जाते हैं, उनको गाड़ी में बैठने का स्थान एवं गंतव्य स्टेशन पर विश्राम की सुविधा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

8. टीटीई रेस्ट हाउसों एवं समस्त रनिंग रूम में सुधार किया जाए तथा भोजन की व्यवस्था को ठीक करवाया जाए.

9. सभी रेलवे कालोनियों का समुचित रखरखाव किया जाए एवं कालोनियों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी की जाए तथा जर्जर रेल आवासों की जगह नए रेलवे आवास बनाकर कर्मचारियों को दिए जाएं.

दिल्ली मंडल मुख्यालय के सामने आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एआईआरएफ तथा नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री कॉम. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा की गारंटेड पेंशन समस्त केंद्रीय कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि गारंटीड पेंशन देकर के सरकार हमारे ऊपर किसी प्रकार का अहसान नहीं करेगी, यह हमारा अधिकार है और हम इसको हर हाल में लेकर रहेंगे.

इस अवसर पर कॉम. अनूप शर्मा, मंडल मंत्री, दिल्ली मंडल ने कहा कि यदि भारत सरकार हमारी उपरोक्त जायज मांगों को नहीं मानेगी, तो हम अपनी उक्त मांगों के लिए जोरदार संघर्ष करने के लिए तैयार हैं, इसके लिए चाहे हमें हड़ताल भी करनी पड़े, तो हम वह भी करेंगे. उन्होंने कर्मचारियों का आह्वान किया कि दिल्ली मंडल के समस्त कर्मचारी इसके लिए तैयार रहें.

सभा में शामिल हुए युवा रेल कर्मचारियों में नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला. सभा को संबोधित करने वालों में नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष कॉम. एस. के. त्यागी, सहायक महामंत्री कॉम. विक्रम सिंह तथा दिल्ली मंडल के मंडल अध्यक्ष कॉम. राजेंद्र भारद्वाज, भी शामिल थे. सभा में नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन, दिल्ली मंडल की समस्त शाखाओं से आए हजारों रेलकर्मी उपस्थित थे.

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