कश्मीर रेल लिंक परियोजना की लागत बढ़कर अब हुई 20 हजार करोड़

पूरे प्रोजेक्ट को लेकर संसदीय लोक लेखा समिति ने दर्ज की कड़ी आपत्तियां

विशेष प्रतिनिधि, नई दिल्ली

राष्ट्रीय महत्व की रेलवे परियोजनाओं में से एक कश्मीर रेल लिंक परियोजना अब तक अधूरी है. इस उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना की लागत 1500 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 20 हजार करोड़ रुपए हो चुकी है. आजादी के बाद रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना में शुमार यह यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट अब तक अटका हुआ है. इसके तहत कटरा-काजीगुंड खंड को अभी पूरा किया जाना बाकी है.

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इस सेक्शन में काजीगुंड से बनिहाल तक का प्रोजेक्ट तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन कटरा-बनिहाल तक 110 किमी. की रेल लाइन अभी तक अधूरी है. जबकि इसे 2007 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. बाद में इसकी संशोधित तिथि दिसंबर 2017 रखी गई थी, जो कि अब बढ़कर 2020 हो गई है. इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर संसदीय लोक लेखा समिति ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज की है.

समिति का कहना है कि रेल मंत्रालय का तर्क है कि सुरंगों के गिरने, पुलों के डिजाइनों में परिवर्तन से लेकर पानी का रिसाव होने की वजह से परियोजना में देरी हुई. रेलवे ने प्रोजेक्ट की सुस्त रफ्तार के लिए समिति को कई तर्क दिए हैं. इनमें प्रतिकूल मौसम, असाधारण बारिश, हिमपात, बाढ़, निर्माण सामग्री के परिवहन में बार-बार अवरोध आदि शामिल हैं.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह सभी कारण मंत्रालय की कमी और अकर्मण्यता को दर्शाते हैं. लोक लेखा समिति का कहना है कि रेलवे को प्रतिष्ठित परामर्शदाता कंपनियों की सेवा पहले ही ले लेनी चाहिए थी. लोक लेखा समिति ने इस पूरे प्रोजेक्ट में यह भी दर्ज किया है कि उधमपुर-कटरा लाइन, जिसे मार्च 2003 में पूरा हो जाना चाहिए था, वह 4 जुलाई 2014 को पूरी हो पाई है.

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