अपराधिक मामले में वांछित आरपीएफ अधिकारी को दिए गए दो-दो प्रमोशन!

दोषी पाए जाने के बावजूद सीनियर डीएससी अमिताभ को गिरफ्तारी से बचा रहे हैं आरपीएफ के सक्षम अधिकारी!

अमिताभ, सीनियर डीएससी/आरपीएफ/अजमेर के विरुद्ध सदर थाना फिरोजपुर में एफआईआर संख्या 179/2017, धारा 353, 332, 506, 34 आईपीसी और क्रास केस रिपोर्ट नंबर 45, धारा 325, 323 आईपीसी के अंतर्गत अपराधिक मामला कोर्ट में लंबित है।

आरपीएफ एसोसिएशन संबंधी विवाद के चलते तत्कालीन एएससी/फिरोजपुर अमिताभ द्वारा शिकायतकर्ता बल सदस्य गुरडियाल सिंह के साथ की गई मारपीट को लेकर यह मामला दि. 11.07.2017 को गुरडियाल सिंह की सूचना पर थाना सदर, फिरोजपुर पुलिस ने दर्ज किया था।

इस मामले की जांच में शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर तत्कालीन एएससी/फिरोजपुर अमिताभ को पुलिस ने दोषी पाया है। यह बात पंजाब पुलिस के आईजी/फिरोजपुर रेंज ने लिखित में दी है। इसी क्रम में पुलिस की तरफ से उन्हें हाजिर होने के लिए अनेकों बार सम्मन भेजे जा चुके हैं।

पुलिस द्वारा उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कई सम्मन भेजे गए, तथापि उन्होंने एक भी जांच में पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया और न ही जांच में शामिल हुए। आरपीएफ के सक्षम अधिकारियों को भी अनुमति देने हेतु कई बार पत्र भेजे गए। तथापि उन्हें गिरफ्तारी से बचाने के लिए आरपीएफ के सक्षम अधिकारियों द्वारा पुलिस को सहयोग नहीं किया गया। अंततः पुलिस ने 11 सितंबर 2018 को कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

आईजी/फिरोजपुर रेंज का पत्र

अपराधिक मामला लंबित होने और कई बार सम्मन जारी होने तथा पुख्ता तौर पर दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी के लिए पुलिस की वांटेड लिस्ट में होने के बाद भी डीजी/आरपीएफ द्वारा उन्हें सर्विस रूल के विरुद्ध दो-दो बार प्रमोशन दिया गया है।

प्रश्न यह है कि यही स्थिति अगर एक सामान्य बल सदस्य के साथ होती, तब भी क्या डीजी/आरपीएफ उसे दो-दो बार प्रमोशन दे देते? यही प्रश्न पीड़ित बल सदस्य गुरडियाल सिंह ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रेलमंत्री, सीआरबी, डीजी/आरपीएफ, पीसीएससी/उ.प.रे. इत्यादि सक्षम अथॉरिटीज को हाल ही में एक और पत्र भेजकर पूछा है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को ऐसे तमाम मामलों में डीजी/आरपीएफ से जवाब तलब करना चाहिए और अपराधिक मामले में दोषी आरपीएफ अधिकारी अमिताभ को तुरंत निलंबित करके पंजाब पुलिस को सौंपा जाना चाहिए।

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