लखनऊ जं. पर मेट्रो एफओबी के नीचे फल-फूल रहे अवैध व्यवसाय

इसे कहते हैं कि उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना!

यात्रियों की सहूलियत के लिए लखनऊ मेट्रो के चारबाग स्टेशन का एक सिरा/छोर पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन के प्रवेश मार्ग की तरफ जुड़ा है, लेकिन हैरानी की बात है कि सीढ़ियों के नीचे का हिस्सा अवैध रूप से बाहरी लोगों द्वारा बिना लाइसेंस कैटरिंग के धंधे के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।

आश्चर्य की बात है कि यह स्थान उपयोग करके इसकी रेवेन्यू रेलवे के खाते में लाने के बारे में किसी वाणिज्य अधिकारी ने नहीं सोचा!

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अब प्रश्न यह है कि इसका संचालन अथवा आवंटन रेलवे ने किया है या नहीं? यदि रेलवे ने किया है, तो इसकी एवज में रेलवे को प्राप्त होने वाली राजस्व की राशि क्या है?

यदि रेलवे द्वारा संचालन अथवा आवंटन नहीं किया गया है, तो क्या मेट्रो प्रशासन द्वारा इसका आवंटन किया गया है? यदि हां, तो रेलवे से इसकी अनुमति किस अथॉरिटी ने दी?

केवल यही नहीं, इसके आसपास भी अवैध दूकानें इसी प्रकार अवैध रूप से आरपीएफ/जीआरपी की मेहरबानी या मिलीभगत से संचालित की जा रही हैं।

रेल मंत्रालय इसे गंभीरता से लेकर जांच कराए। कई कर्मचारियों का कहना है कि इन खाली एवं उपयोग में न आने वाले स्थानों का उपयोग गैर किराया रेल राजस्व बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।

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