ऐसे लिया जाता है रेलवे में  किसी और के काम का श्रेय!

21 सितंबर 2021 को ट्रेन नं. 02884 निजामुद्दीन – दुर्ग छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से ग्वालियर – सिथौली, झांसी मंडल में किमी. 1221/19 के दरम्यान लगभग 6 गायें (#CRO) कट गई थीं। बीच सेक्शन में घटी इस घटना के बावजूद ट्रेन ड्राइवर गाड़ी को खींचकर सिथौली स्टेशन तक ले गया था।

इंजन के बाद वाले डीजी कोच का एफपी और बीपी का पाइप डिस्कनेक्ट हो गया था। वी. रवि, टेक्नीशियन-I, अंडर एसएसई/कोचिंग डिपो बिलासपुर एवं सीनियर सीडीओ/कोचिंग डिपो/बिलासपुर/द.पू.म.रे. – जो कि उसी गाड़ी में यात्रा कर रहे थे – ने गाड़ी से उतरकर सबसे पहले एफपी/बीपी पाइप जोड़ा। फिर भी इंजन और डीजी कार में प्रेशर चेक करने पर एफपी/बीपी नहीं आ रहा था।

कोच के अंदर जैसे ही रवि को यह अहसास हुआ कि इस तरह तो गाड़ी काफी डिटेन हो सकती है। वह तुरंत गाड़ी से नीचे उतरकर इंजन के पास गए। इंजन से उतरकर एएलपी भी उनके साथ आए।

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आगे का एफए-1, 2एसी/ए-1, ए-2, 3एसी/बी-1 और बी-3 कोच के डीवी वाल्व ड्राप्ड थे। रवि ने सभी डीवी वाल्व को रिसेट किया, तब इंजन केबिन और डीजी कार में 6-5 का एफपी और बीपी परफेक्ट आ गया। इस कार्य में रवि को आरपीएफ एस्कार्ट और ट्रेन के टीटीई/दुर्ग/द.पू.म.रे. ने टार्च दिखाकर सहयोग किया।

वह बताते हैं कि इतना खून और वीभत्स दृश्य को देखकर उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था, तब भी उनका यह फर्ज था कि किसी भी तरह गाड़ी को डिटेन होने से बचाया जाए। उनके दिमाग में सिर्फ यही आया कि सीआरओ को क्लियर करके सेक्शन को जल्दी से जल्दी क्लीयर किया जाए।

उन्होंने बताया कि 15-20 मिनट का समय सारा क्लीयर करने में लगा। सभी यात्री और स्टाफ ने उनके कार्य को सराहा। वह कहते हैं कि मैंने सिर्फ एक रेलवे कर्मचारी होने का दायित्व निभाया और मुझे खुशी है कि मैं इस कार्य को कम से कम समय में पूरा कर पाया।

वह कहते हैं कि “कुछ अच्छे लोगों से प्रभावित होकर कुछ अच्छा करने का साहस मिलता है और उसी का परिणाम है कि मैंने झांसी और ग्वालियर के बीच ट्रेन के आवागमन को बाधित होने से बचाया।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन दुखद बात यह है कि मैंने कड़ी मेहनत करके ट्रेन को 4-5 घंटे डिटेन होने से बचाया। फिर भी न तो गाड़ी के ऑन बोर्ड स्टाफ ने और न ही गार्ड या ड्राइवर ने उन्हें नॉमिनेट करना तो दूर, कंट्रोल मैसेज में उनका नाम तक नहीं लिया। खैर, मैंने ड्यूटी पर न होते हुए भी मेरा कर्तव्य निभाया। किसी अवार्ड से ज्यादा मुझे मेरा कर्तव्य निभाने की खुशी है।”

उल्लेखनीय है कि वी. रवि, रेलवे कर्मचारी ट्रैकमैन एसोसिएशन (आरकेटीए) के फाउंडर अध्यक्ष हैं।

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