सीसीआई/इगतपुरी को प्राप्त है मंडल अधिकारियों का संरक्षण?
Central Railway Head Quarters at Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus (CSMT), Mumbai.
मध्य रेलवे, मुंबई मंडल के वाणिज्य विभाग का अजीबो-गरीब कारभार
लंबे से एक ही जगह जमे पंडित के ट्रांसफर पर जुलाई से अब तक अमल सुनिश्चित नहीं हुआ
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी रेलकर्मियों के रोटेशन ट्रांसफर के आदेशों को मंडल अधिकारियों ने ताक पर रखा
प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई में मुंबई मंडल के इगतपुरी स्टेशन पर पिछले करीब १५ सालों से बतौर सीसीआई एक ही जगह कार्यरत प्रभाकर पंडित, जो कि वास्तव में पद के अनुसार चीफ बुकिंग क्लर्क (सीबीएस) है, का ट्रांसफर इगतपुरी से कसारा स्टेशन पर किया गया था। मंडल के संबंधित वाणिज्य अधिकारियों द्वारा इस पर अमल सुनिश्चित नहीं किया गया। सितंबर मैं इसे बदलकर इगतपुरी से मुलुंड किया गया, फिर भी इस आजतक अमल नहीं कराया गया है। जबकि उमेश विश्वकर्मा को उसकी जगह इगतपुरी में सीसीआई के पद पर मुंबई से ट्रांसफर करके पदस्थ किया जा चुका है। ऐसे में एक ही स्टेशन पर अब दो-दो सीसीआई कार्यरत हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कथित सीसीआई/सीबीएस इगतपुरी को मंडल अधिकारियों का पूरा संरक्षण मिला हुआ है, क्योंकि वह न सिर्फ उनकी संपूर्ण आवभगत का ध्यान रखता है, बल्कि कथित उगाही का समान बंटवारा भी उन तक समय पर पहुंचाने के महत्वपूर्ण काम को भी बखूबी अंजाम देता है? कर्मचारियों का कहना है कि यही वजह है कि उसे किसी भी तरह इगतपुरी स्टेशन पर ही बनाए रखने की जुगत मंडल अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
आवश्यक रोटेशन के अलावा भी प्रभाकर पंडित को लंबे समय से एक ही जगह टिकाए रखने की शिकायतों के आधार पर भी इगतपुरी से ट्रांसफर किया गया था। तथापि उस पर अमल नहीं किया गया है। यहां तक कि खुद मध्य रेलवे ट्रैफिक विजिलेंस द्वारा भी ४ अक्टूबर को संवेदनशील पदों पर कार्यरत अराजपत्रित रेलकर्मियों का रोटेशन ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया गया है। इसके बावजूद मंडल प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है। ऐसे में मंडल के कामकाज, नियमों और कार्य-प्रणाली की यह एक बड़ी विसंगति है। रेलवे बोर्ड और महाप्रबंधक, मध्य रेलवे को इस पर अविलंब उचित कदम उठाना चाहिए।